Sun, Dec 28, 2025

कर्मचारी संगठन की बड़ी तैयारी, 48 हजार कर्मचारियों की मांग लेकर पहुंचे भगवान की शरण में, सीएम शिवराज के लिए की ये प्रार्थना

Written by:Atul Saxena
Published:
कर्मचारी संगठन की बड़ी तैयारी, 48 हजार कर्मचारियों की मांग लेकर पहुंचे भगवान की शरण में, सीएम शिवराज के लिए की ये प्रार्थना

Gwalior News : मप्र में इस साल के अंत में चुनाव हैं इसीलिए कर्मचारी संगठन उम्मीद लगा रहे हैं कि अब तो सरकार उनकी मांगें मान लेगी, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पिछले दिनों कई विभागों के कर्मचारियों की मांगों को मानकर एक उम्मीद की किरण दिखाई लेकिन नगर निगम के विनियमित कर्मचारी (स्थाई कर्मचारी) अभी भी मुख्यमंत्री की तरफ आस लगाये बैठे हैं, इनके संगठन ने आज प्रदेश के 48 हजार कर्मचारियों की मांग के साथ भगवान अचलनाथ को ज्ञापन सौंपा।

लम्बे समय से अपनी मांगों को लेकर आन्दोलन आकर रहे हैं कर्मचारी 

मध्य प्रदेश की नगर निगमों में पिछले लगभग दो दशक से विनियमित कर्मचारी काम कर रहे हैं, लेकिन इनकी समस्याओं पर सरकार ने कभी गौर नहीं किया, इन कर्मचारियों ने समय समय पर धरना प्रदर्शन किया इन्हें कई बार आश्वासन भी मिले लेकिन वे आश्वासन कागजी साबित हुए उन प् राज तक अमल नहीं हुआ।

सीएम शिवराज, केंद्रीय मंत्रियों तोमर, सिंधिया को सौंप चुके ज्ञापन 

मंहगाई के दौर में बहुत कम वेतन पाने वाले इन विनियमित कर्मचारियों ने वेतन वृद्धि और अन्य लाभ की मांगों के साथ केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, सांसद विवेक नारायण शेजवलकर से कई बार मुलाकात की,  इतना ही नहीं कुछ दिन पहले ग्वालियर आए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को अचलेश्वर मंदिर के पास ही निगम कर्मचारियों ने ज्ञापन के माध्यम से अनुरोध किया लेकिन कोई सुनवाई हुई।

अब बाबा अचलनाथ की शरण में पहुंचे कर्मचारी 

सरकार की अनदेखी से परेशान नगर निगम के विनियमित कर्मचारियों ने अब भगवान की शरण में जाने का फैसला किया और आज ग्वालियर में एक रैली निकालकर अचलेश्वर महादेव मंदिर पहुंचकर बाबा अचलनाथ को एक ज्ञापन सौंपा, इन कर्मचारियों के साथ पम्प चालक, आउट सोर्स कर्मचारी भी थे, ज्ञापन में कर्मचारियों ने भगवान अचलेश्वर महाराज से प्रार्थना की और अनुरोध किया कि सीएम शिवराज का ध्यान भी उनकी तरफ हो जाये औए वे भी उनकी एक महा पंचायत बुलाएँ जिससे दूसरे कर्मचारियों की तरह ही उनकी भी मांगे पूरी हो सकें और उनकी आजीविका ठीक से चल सके।

ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट