ग्वालियर, अतुल सक्सेना। बढ़े हुए बिजली बिलों (Electricity Company) की कहानी तो आप जब चाहें सुन लेते होंगे लेकिन यदि कोई ये कहे कि बिजली कंपनी किसी घरेलू उपभोक्ता को अरबों रुपये का बिल (Billion rupees electricity bill) भेज सकता है तो आप विश्वास नहीं करेंगे। लेकिन मप्र विद्युत् वितरण कंपनी के ऐसा कारनामा किया है। कंपनी के ग्वालियर कार्यालय ने करीब 35 उपभोक्ताओं को अरबों रुपये के बिल थमा दिए। भारी भरकम बिल देखकर कई उपभोक्ताओं की तो तबियत ख़राब हो गई और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।
बिजली कंपनी के ग्वालियर कार्यालय (Gwalior Electricity Company) का हैरान कर देने वाला कारनामा सामने आया है। विभाग के कारनामे ने कई परिवारों के सदस्यों का कुछ समय के लिए जीवन ही संकट में डाल दिया। दरअसल बिजली कंपनी के लापरवाह स्टाफ ने करीब 35 उपभोक्ताओं को लाखों के नहीं, करोड़ों के भी नहीं अरबों के बिल थमा दिए। जी हां ये सच है और जब इन बिल के मैसेज उपभोक्ताओं के मोबाइल पर पहुंचे तो उनके होश उड़ गए। किसी का ब्लड प्रेशर बढ़ गे ऑटो किसी का दिल बैठ गया। हालात यहाँ तक पहुँच गए कि अस्पताल में भी भर्ती कराना पड़ा।
एक उपभोक्ता एडवोकेट संजीव कनकने ने बिजली विभाग के कारनामे का खुलासा करते हुए बताया कि उन्होंने मकान बनवाने के लिए अस्थाई कनेक्शन लिया था। उनका मकान दो साल पहले पूरा बन गया लेकिन आज तक कंपनी ने कनेक्शन स्थाई नहीं किया। अभी कंपनी ने एक बिल भेजा जो 3 हजार 419 करोड़ 53 लाख 25 हजार 293 रुपये का भेज दिया। बिल को देखकर उनकी पार्टी प्रियंका घबरा गईं , पिताजी की ताबियार ख़राब हो गई उन्हें अस्पताल में भर्ती करना पड़ा।
इतनी बड़ी लापरवाही सामने आने के बाद बिजली कंपनी के आला अधिकारी तत्काल गलतियों को छिपाने के लिए बिलों में सुधार करने लगे। बिजली कंपनी के महाप्रबंधक नितिन मांगलिक ने कहा कि शहर में फोटो मीटर रीडिंग बिलिंग की व्यवस्था है लेकिन जिन बिलों की रीडिंग किसी कारण से समय पर नहीं हो पाती उसकी मेनुअल रीडिंग होती है।इसकी एक्सेल फ़ाइल बनाकर सिस्टम में अपलोड कर देते हैं।
अरबों रुपये के बिजली बिलों पर सफाई देते हुए उन्होंने कहा कि जब एक्सेल फ़ाइल अपलोड की गई तो स्टाफ ने वर्तमान रीडिंग वाले कॉलम में सर्विस क्रमांक डाल दिया जो दस नंबर का होता है और इसी हिसाब से सिस्टम से बिल जनरेट हो गए। जिसके कारण ये स्थिति बनी, मामला संज्ञान में आते ही सभी बिलों को सुधारा गया। लापरवाही को देखते हुए असिस्टेंट रेवेन्यू ऑफिसर तनय सक्सेना को निलंबित कर दिया और मीटर रीडर अनिल और केपीओ राहुल को सेवा बर्खास्त कर दिया गया और जेई को नोटिस दिया गया है। उन्होंने मानवीय भूल है फिर भी विभाग ने इसे गंभीरता से लिया है।
ऊर्जा मंत्री के गृह नगर में उनके ही विभाग की इतनी बड़ी लापरवाही को लेकर जब मीडिया ने सवाल किया तो उन्होंने इसका मुस्कुराते हुए जवाब दिया। मंत्री ने कहा कोई गलती हुई है तो उसे तत्काल सुधारा गया है, ये भी देखिये, कार्यवाही भी की जा रही और क्या चाहिए?
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Atul Saxena
पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....
पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....