भाजपा विधायक ने बेटे को थाने में खुद दिया थर्ड डिग्री, बोले- अपराधी का कोई रिश्ता नहीं होता, मैं फरियादी के साथ

BJP MLA Pritam Lodhi, Gwalior News

Gwalior News, BJP MLA Pritam Lodhi action : भारतीय जनता पार्टी के पिछोर से विधायक प्रीतम लोधी अपने रंगदार बेटे दिनेश से परेशान हैं, उन्होंने उसे खुद गिरफ्तार करवाने में पुलिस की मदद की, विधायक का कहना है कि उन्होंने पुलिस वालों के साथ खुद अपने बेटे को थाने में थर्ड डिग्री दिया, प्रीतम लोधी ने कहा कि अपराधी का कोई रिश्ता नहीं होता उसे उसके किये की सजा मिलनी चाहिए ।

ग्वालियर जिले के जलालपुर गाँव के दबंग और चर्चित सरपंच रहे पूर्व  मुख्यमंत्री उमा भारती के खास प्रीतम लोधी इस बार भाजपा के टिकट पर शिवपुरी की पिछोर सीट से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं, उनकी जीत के साथ उनका बेटा दिनेश उनके लिए मुसीबत बनता जा रहा है।

भाजपा विधायक रंगदार बेटे से परेशान 

रंगदारी में रहने वाले दिनेश ने 31 दिसंबर की रात को पड़ोस में रहने वाले लालू यादव के घर पर तेज रफ़्तार स्कार्पियों चढ़ा दी थी जिससे घर के बाहर खड़ी एक्टिवा क्षतिग्रस्त हो गई और पास में खेल रहा डेढ़ साल का मासूम बाल बाल बच गया, बताया गया है कि इन दोनों परिवारों के बीच चुनावी रंजिश चल रही है।

विधायक ने गिरफ्तार करवाया बेटा, खुद दी थर्ड डिग्री 

घटना के बाद लालू ने पुरानी छावनी थाने में दिनेश के खिलाफ जानलेवा हमले की शिकायत दर्ज कराई जिसके बाद पुलिस ने दिनेश को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया, दिनेश के पिता भाजपा विधायक प्रीतम लोधी का कहना है कि उन्होंने बेटे को खुद पुलिस को सौंपा है , इतना ही नहीं उन्होंने थाने में पुलिस के साथ बेटे को थर्ड डिग्री भी दिया है।

विधायक बोले- अपराधी का कोई रिश्ता नहीं होता 

भाजपा विधायक ने कहा कि अपराधी की कोई जाति नहीं होती , कोई रिश्ता नहीं होता, वो सिर्फ अपराधी होता है मेरे बेटे ने भी अपराध किया है इसलिए उसे उसकी सजा मिलनी चाहिए, मैंने एसपी साहब से कहा है कि कड़ी से कड़ी धारा लगायें, प्रीतम लोधी ने कहा कि बेटे के कृत्य से मेरी छवि पर जरुर असर पड़ता है लेकिन में हमेशा अपराध के खिलाफ हूँ, इसलिए बेटे के खिलाफ और फरियादी के साथ खड़ा हूँ।

ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट     


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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