ग्वालियर, अतुल सक्सेना। ग्वालियर में नगर निगम में सभापति किस पार्टी का होगा BJP या Congress का? ये सवाल दोनों दलों के नेताओं के साथ पूरे शहर के लोगों के मन में है। महापौर और चुनकर आये पार्षदों के शपथ ग्रहण करने के बाद अब ग्वालियर की नई नगर सरकार आकार लेने वाली है, 5 अगस्त को इसका पहला सम्मलेन होगा। सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या 57 साल बाद महापौर पद पर जीत हासिल कर इतिहास बनाने वाली कांग्रेस सभापति भी अपना बनाकर भाजपा को पूरी तरह चित्त तो नहीं कर देगी?
सभापति (Gwalior Municipal Corporation Chairman) पद को पाने की उधेड़बुन और अंतर्मन में क्रॉस वोटिंग के भय के चलते आज ग्वालियर भाजपा(Gwalior BJP) का वो रूप देखने को मिला जो अब से पहले कभी किसी ने नहीं देखा। भाजपा जिला अध्यक्ष कमल माखीजानी (BJP District President Kamal Makhijani) अपने सभी 34 पार्षदों को लेकर दिल्ली रवाना हो गए। लेकिन महापौर की जीत से उत्साहित कांग्रेस (Gwalior Congress) ने भाजपा की बागी और निर्दलीय होकर चुनाव लड़ी महिला पार्षद को पार्टी में मिलाकर अपनी संख्या को बढ़ा लिया।
कांग्रेस के कद्दावर विधायक डॉ सतीश सिंह सिकरवार (Congress MLA Dr Satish Singh Sikarwar) ने अपनी पत्नी डॉ शोभा सिकरवार को महापौर पद पर जीत दिलाकर पार्टी नेतृत्व को अपनी ताकत का अहसास करा दिया। इस जीत से उत्साहित कांगेस अब दावा कर रही है कि सभापति भी उनकी ही पार्टी का बनेगा।
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कांग्रेस के इसी दावे और विधायक सतीश सिंह सिकरवार के कॉन्फिडेंस को देखकर भाजपा जिला अध्यक्ष कमल माखीजानी सहित पार्टी नेतृत्व भी अंदरखाने डरा हुआ है। चुनाव जीत कर आये लेकिन कहीं ना कहीं पार्टी नेतृत्व से नाराज चल रहे पार्षद उनकी चिंता का कारण है।
यही वजह है कि कल सोमवार को शपथ ग्रहण करने के बाद भाजपा आज सुबह सभी जीते हुए 34 पार्षदों को दिल्ली में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, सांसद विवेक नारायण शेजवलकर और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा का आशीर्वाद दिलाने की बात कहकर रवाना हो गई।
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पार्षदों को AC बसों में लेकर गए जिला अध्यक्ष कमल माखीजानी का कहना है कि संसद का सत्र चल रहा है इसलिए हमारे वरिष्ठ नेता ग्वालियर नहीं आ सकते। वो नहीं आ सकते इसलिए हम जा रहे हैं वहां पार्षद दल बैठक होगी और सभापति का नाम तय होगा। उन्होंने दावा किया कि हमें कोई भय नहीं है , सभापति हमारा ही होगा, संख्या बल हमारे पास है।
उधर भाजपा अपने पार्षदों को लेकर दिल्ली रवाना हुई, इधर विधायक डॉ सतीश सिंह सिकरवार के निवास पर कांग्रेस ने भाजपा की बागी निर्दलीय जीती पार्षद सुनीता कुशवाह को पार्टी सदस्यता दिला दी। इस अवसर पर कांग्रेस जिला डॉ देवेंद्र शर्मा भी मौजूद थे। पार्षद सुनीता कुशवाह चौथी ऐसी निर्दलीय पार्षद हैं जिसने जीत के बाद कांग्रेस का दामन थामा है।
कांग्रेस जिला अध्यक्ष देवेंद्र शर्मा दावा कर रहे हैं कि हमारी संख्या अब 29 हो गई है लेकिन जब सभापति का चयन होगा तो भाजपा सहित अन्य शेष निर्दलीय और अन्य दल के पार्षद भी अंतरात्मा की आवाज पर कांग्रेस को ही चुनेंगे। विधायक एवं महापौर डॉ शोभा सिकरवार के पति डॉ सतीश सिंह सिकरवार का कहना है कि भाजपा दिल्ली क्यों लेकर गई है पार्षदों को, इसलिए कि वो डरे हुए हैं उन्होंने कहा की जब परिणाम आएगा तो अप्रत्याशित, अकल्पनीय आएंगे।
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बहरहाल 2018 विधानसभा चुनावों के बाद जैसी बाड़ाबंदी कांग्रेस के विधायकों की देखने को मिली थी उन्हें विशेष सुविधाओं के साथ बेंगलुरु ले जाया गया था कुछ ऐसा ही दृश्य ग्वालियर में नगर सरकार में सभापति पद के लिए देखने को मिल रहा है। अंतर इतना है कि इस बार कांग्रेस नहीं भाजपा अपने पार्षदों की बाड़ाबंदी कर AC बसों में दिल्ली लेकर गई है जहाँ उनकी पूरी सुख सुविधाओं का ध्यान रखा जायेगा। अब देखना ये होगा कि भाजपा अपने पार्षदों को विश्वास में लेने के बाद कब इनकी वापसी कराती है, देखना ये भी होगा कि कांग्रेस के अंतरात्मा की आवाज वाला इमोशनल कार्ड चल पता है कि नहीं?