ग्वालियर, अतुल सक्सेना। क्राइम सीरियल (Crime Serial) देख एक जीजा ने साले का अपहरण कर 5 लाख फिरौती मांगी, फिर हत्या (Murder) कर दी। जीजा साले अच्छे दोस्त भी थे लेकिन रुपयों के लालच ने जीजा को अंधा बना दिया और कातिल भी। आरोपी जीजा पुलिस की गिरफ्त में है, पुलिस ने मृतक का शव बरामद कर लिया है। एसपी का कहना है कि इस वारदात को पुलिस सनसनीखेज और जघन्य अपराध की श्रेणी में रखेगी और आरोपी को कड़ी सजा दिलाने का प्रयास करेगी।
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक 19 अक्टूबर को भितरवार निवासी रामाधार सिंह रावत ने थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि उसका 17 वर्षीय बेटा पुष्पेंद्र सुबह से गायब है और एक फोन से 5 लाख रुपये की मांग भी की गई है।
नाबालिग का अपहरण और फिरौती मांगे जाने की सूचना मिलते ही पुलिस (Gwalior Police) चौकन्नी हुई और एडिशनल एसपी ग्रामीण जयराज कुबेर, एसडीओपी भितरवार, टीआई भितरवार थाना और टीआई क्राइम ब्रांच थाने को निर्देश दिए गए। पुलिस के इन्वेस्टिगेशन में मालूम चला कि फरियादी रामाधार का भांजा दामाद जो डबरा में रहता है 19 अक्टूबर को भितरवार आया था उसने एक दुकानदार के फोन से अपने साले पुष्पेंद्र (रामाधार के बेटा) को फोन लगाकर तहसील के पास बुलाया था।
पुलिस ने तकनीकी साक्ष्य जुटाने के बाद आरोपी को हिरासत में लेकर जब कड़ाई से पूछताछ की तो उसने अपना अपराध स्वीकार कर लिया। पुलिस अधीक्षक अमित सांघी(Gwalior SP Amit Sanghi) ने बताया कि फोन कर फिरौती की रकम मांगने के बाद आरोपी ने पुष्पेंद्र के वापस नहीं लौटने पर कह दिया कि दोस्त का फोन आया था, वो वापस चला गया जबकि आरोपी खुद पुष्पेंद्र को बाइक पर लेकर गया था। पहले नरवर फिर मड़ीखेड़ा डेम के पास गया और वहां रेस्ट हॉउस के पास जाने वाली सड़क पर रस्सी से गला घोंटकर हत्या कर दी और शव को जंगल में छिपा दिया।
पूछताछ में पता चला कि मृतक पुष्पेंद्र का दादा बिजली विभाग में काम करता था उसकी करंट लगने से मौत हो गई थी जिसके क्लेम के रूप में 15 लाख रुपये उसके खाते में आये थे जबकि 9 लाख और आने वाले थे। जीजा साले अच्छे दोस्त भी थे मृतक ने जीजा को सब बता रखा था इसलिए आरोपी के मन में रुपयों का लालच गया और उसने पहले सेल का अपहरण किया फिर उसकी हत्या कर दी। पूछताछ में नरोपि ने कहा कि वो टीवी पर क्राइम सीरियल लगातार देखते है और उसे देखकर ही उसे अपराध का आइडिया आया।
एसपी अमित सांघी ने कहा कि आरोपी को न्यायालय में पेश कर रिमांड पर लिया जायेगा जिससे उससे अउ रपूछ्ताछ की जा सके। उन्होंने कहा कि इस अपराध को सनसनीखेज और जघन्य अपराध की श्रेणी में रखा जायेगा जिससे आरोपी को कड़ी सजा दिलवाई जा सके।
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Atul Saxena
पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....
पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....