ग्वालियर। स्ट्रांग रूम की त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था के दावों को लेकर जिला प्रशासन को एक बार फिर आरोपों का सामना करना पड़ा है। बीती दो और तीन दिसंबर की दरमियानी रात 2 बजे जब 3 मीनट के लिए डिस्प्ले बंद हुई थी तब प्रशासन ने दवा किया था कि ये तकनीकी खराबी थी अब नहीं होगी। लेकिन आज फिर तीनों डिस्प्ले बंद हो गई और इस बार लगभग एक घंटे तक बंद रहीं।
28 नवम्बर को हुए मतदान के बाद जिला प्रशासन ने पूरी जांच पड़ताल के बाद एमएलबी कॉलेज में बनाये गए स्ट्रॉंग रूम में जिले के सभी छह विधानसभा सीटों पर बनाये गए मतदान केंद्रों की ईवीएम, वीवीपैट और कंट्रोल यूनिट को रख दिया है। जिला प्रशासन ने इसके लिए त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था लगाईं है लेकिन रविवार- सोमवार की दरमियानी रात यहाँ लगभग दो बजे स्ट्रॉंग रूम के बाहर लगी तीनों डिस्प्लै तन मिनट के लिए बंद हो गईं थी तब जिला प्रशासन ने इसे तकनीकी खराबी कहकर कहा था कि चिंता की कोई बात नहीं हैं ऐसा फिर नहीं होगा। लेकिन प्रशासन की ये बात दो दिन बाद आज ही झूठी साबित हो गई। आज दिन में लगभग 12 बजे तीनों डिस्प्ले स्क्रीन फिर से बंद हो गेन और इस बार कुछ मिनट के लिए नहीं बल्कि लगभग एक घंटे के लिए। डिस्प्ले बंद होते ही वहां ईवीएम की निगरानी के लिए मौजूद प्रत्याशियों के प्रतिनिधियों ने हंगामा कर दिया।
हंगामें की सूचना मिलते ही उप जिला निर्वाचन अधिकारी आरके पांडे और कांग्रेस प्रत्याशी प्रद्युम्न सिंह तोमर , मुन्नालाल गोयल , जिला अध्यक्ष डॉ देवेंद्र शर्मा के साथ समर्थकों को लेकर एमएलबी कॉलेज पहुँच गए। उन्होंने आरके पांडे से डिस्प्ले बंद होने पर कड़ी आपत्ति जताई और डीवीआर के लिए भी एक कैमरा लगाने और उसपर ताला लगाने की बात कही। प्रद्युम्न सिंह तोमर ने उप जिला निर्वाचन अधिकारी को टाला मंगवाकर दिया लेकिन उप जिला निर्वाचन अधिकारी ने ताला लेने से इंकार करते हुए कहा कि ईवीएम पूरी तरह से सुरक्षित हैं। शंका की कोई बात नहीं है। आरके पांडे से बात करने के बाद कांग्रेस नेता वहां से चले गए।