लापरवाही पड़ी भारी, निगम अधिकारी निलंबित, 24 कर्मचारियों का वेतन काटने का निर्देश

Atul Saxena
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Gwalior News : अपने कार्य के प्रति लापरवाह नगर निगम अधिकारी को उपायुक्त ने निलंबित कर दिया है साथ ही ड्यूटी से गायब 24 कर्मचारियों का एक दिन का वेतन काटने के निर्देश दिए हैं, उपायुक्त ने कहा कि निगम आयुक्त के स्पष्ट निर्देश हैं कि लापरवाही किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं होगी।

शहर की सफाई व्यवस्था के निरीक्षण पर निकले नगर निगम के उपायुक्त अमरसत्य गुप्ता को वार्ड क्रमांक 58 में 24 कर्मचारी अनुपस्थित मिले, साथ ही डब्ल्यूएचओ भी अनुपस्थित मिला। इसके साथ ही उन्हें सार्वजनिक शौचालय में सफाई नहीं मिलने पर वे भड़क गए और उन्होंने डब्ल्यूएचओ को बुलाया तो ड्यूटी से गायब था जिससे नाराज होकर उन्होंने उसे तत्काल निलंबित कर दिया। वहीं ड्यूटी से गायब24 कर्मचारियों का एक दिन का वेतन काटने के निर्देश दिए।

नगर निगम उपायुक्त अमरसत्य गुप्ता ने वार्ड क्रमांक 58 का निरीक्षण किया। इस दौरान चिडियाघर के पास बने सार्वजनिक शौचालय में निरीक्षण के दौरान गंदगी मिली। उपायुक्त ने कर्मचारियों का हाजिरी रजिस्टर चैक किया तो 24 कर्मचारी बिना बताए अनुपस्थित पाए गए। इसी प्रकार डब्ल्यूएचओ विशाल पवार भी बिना बताए अनुपस्थित मिले। उपायुक्त ने तत्काल डब्ल्यूएचओ को निलंबित कर दिया। इसके बाद बैजाताल पर सार्वजनिक शौचालय का निरीक्षण किया वहां पर व्यवस्थाओं को और अधिक बेहतर करने के निर्देश दिए।

निरीक्षण के दौरान अधीक्षण यंत्री कीर्तिवर्धन मिश्रा, मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी डॉ वैभव श्रीवास्तव, कार्यशाला प्रभारी शैलेन्द्र सक्सेना सहित अन्य संबधित अधिकारी उपस्थित थे। वार्ड क्रमांक 58 में बसंत विहार में बनने वाले तुलसी पार्क की जमीन का भी उपायुक्त अमरसत्य गुप्ता ने निरीक्षण किया। उन्होंने वहां पर जल्द कार्य प्रारंभ करने के निर्देश दिए।

लापरवाही पड़ी भारी, निगम अधिकारी निलंबित, 24 कर्मचारियों का वेतन काटने का निर्देश

ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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