अमेजन से गांजा बेचे जाने का मामला, कैट ने की नारकोटिक्स ब्यूरो से जांच की मांग

Atul Saxena
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना। ई कॉमर्स कंपनी अमेजन (Amazon) पर गांजा बेचे जाने का मामला सामने आने के बाद व्यापारियों की संस्था कैट ने इस पर कड़ी आपत्ति जताते हुए पूरे मामले को नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो को भी सौंपने की मांग की है।  कैट के पदाधिकारियों ने गृह मंत्री अमित शाह और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से इस मामले में अमेजन (Amazon) प्रबंधन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) CAIT ने मांग की है कि भिंड के एसपी मनोज कुमार सिंह के नेतृत्व में अमेजन (Amazon)  के ई-कॉमर्स पोर्टल पर गांजा की बिक्री के रैकेट का जो खुलासा किया गया है, इस गंभीर मुद्दे को नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो को भी सौंपना चाहिए। कैट ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से अनुरोध किया है कि इस बेहद गंभीर मामले को हल्के में न लिया जाए और इस पर तुरंत और सख्त कार्रवाई की जाए । इस मुद्दे को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता क्योंकि ये देश की सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरा है, क्योंकि इसी तरह अवैध हथियार या अन्य अवैध गतिविधियां भी पोर्टल के द्वारा संचालित की जा सकती हैं। कैट ने आगे कहा कि पुलिस ने अमेजन (Amazon) के गोदाम पर छापेमारी के दौरान मारिजुआना के 380 से अधिक पैकेट जिसे कड़ी पत्ते के रूप में बेचा जा रहा था उसका खुलासा भी किया है जो कि बेहद गंभीर मामला है।

कैट म.प्र. के संयुक्त अध्यक्ष एवं प्रभारी अध्यक्ष सुनील अग्रवाल एवं महामंत्री मुकेश अग्रवाल ने मध्य प्रदेश के पुलिस अधिकारियों से एनडीपीएस अधिनियम और आईपीसी के तहत अमेजन (Amazon) के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने और भारत में अमेज़न के संचालन और प्रबंधन के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों को तुरंत गिरफ्तार करने की मांग की है । पदाधिकारियों ने कहा कि ई-कॉमर्स वेबसाइट के माध्यम से 1 करोड़ रुपये से अधिक के गांजे की बिक्री और उस पर 66% (यानी 66 लाख रुपये से अधिक) का कमीशन अर्जित कर  अमेजन (Amazon) ने एनडीपीएस अधिनियम की धारा 20 (बी) का उल्लंघन किया है जो कहता है कि उत्पादनकर्ता, निर्माणकर्ता, रखने वाला, बेचने वाला, खरीदने वाला, परिवहनकर्ता, आयातकर्ता, अंतरराज्यीय, अंतरराष्ट्रीय निर्यात या भांग का उपयोग, दंडनीय अपराध है”।

कैट पदाधिकरियों ने कहा कि वर्तमान मामले में अमेजन (Amazon) ने न केवल प्रतिबंधित दवा की व्यावसायिक मात्रा की बिक्री के लिए अपने पोर्टल के उपयोग को अनुमति दी है, बल्कि इस बिक्री में सक्रिय रूप से भाग लिया है और इस पर भारी लाभ भी अर्जित किया है। बिक्री मूल्य का 66% अमेजन (Amazon) और उसके शीर्ष प्रबंधन को धारा 20 (ii) (सी) के तहत दंडित किया जाना चाहिए, जो कहता है, “और इसमें वाणिज्यिक मात्रा शामिल है, एक अवधि के लिए कठोर कारावास जो की दस साल से कम नहीं होगा, लेकिन जो बीस साल तक बढ़ सकता है और वो जुर्माने के लिए उत्तरदायी होगा जो कि एक लाख से कम नहीं होगा और दो लाख रुपये तक हो सकता है।

सुनील अग्रवाल एवं मुकेश अग्रवाल ने मांग की कि पुलिस द्वारा पहले ही गिरफ्तार किए गए लोगों के अलावा, उन्हें अमेजन (Amazon) के वरिष्ठ प्रबंधन को गिरफ्तार करना चाहिए, जिन्होंने गांजा की बिक्री के लिए इसके प्लेटफॉर्म का उपयोग करने में मदद की है और इसलिए एक ड्रग पेडलर के रूप में काम किया है। यह बहुत दुखद है कि अमेजन (Amazon) हमारे देश के कानून के प्रति बहुत कम सम्मान रखता है। भारत में उनके संचालन की नींव फेमा और एफडीआई नीति के उल्लंघन पर बनी है, जिसके बाद भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग द्वारा प्रतिस्पर्धा-विरोधी प्रथाओं की जांच की जा रही है। अब, वे हमारे देश के युवाओं को बिगाड़ने के लिए ड्रग पेडलिंग के जघन्य अपराध में भी लिप्त पाए गए हैं। सरकार को अब इस मामले पर तुरंत कठोर कार्रवाई करनी चाहिए ।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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