ग्वालियर, अतुल सक्सेना। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) ने सोमवार को पौधरोपण करने के बाद जनता से अपील की कि जितनी ऑक्सीजन हम लेते है उतनी का इंतजाम हम खुद करें, इसका संकल्प हमें लेना चाहिए। वे ग्वालियर (Gwalior News) के मुरार सर्किट हॉउस परिसर में आज सुबह पौधरोपण कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पौधे लगाना एक पुण्य का काम है। पौधा लगाना यानि जीवन लगाना है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान रविवार मुरैना दौरे से देर रात लौटने के बाद ग्वालियर रुके। उन्होंने मुरार सर्किट हॉउस में रात्रि विश्राम किया। आज सोमवार सुबह उन्होंने पौधरोपण किया। मुख्यमंत्री ने महोगनी के पौधे रोपे। उनके साथ प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा (BJP President VD Sharma) भी थे। मीडिया से बात करते हुए शिवराज ने कहा कि ये मेरा सौभाग्य है कि मैंने ग्वालियर में अध्यक्ष जी के साथ वृक्षारोपण किया है।
उन्होंने कहा कि मैं रोज पौधे लगाता हूँ, क्योकि पौधे लगाना आने वाली पीढ़ियों के लिए धरती को सुरक्षित बनाने का काम है। इसलिए सबसे अपील करता हूँ कि कम से कम हम जितनी ऑक्सीजन लेते है उसका इंतजाम तो खुद करें। उन्होंने कहा कि मैं रोज लगाता हूँ आप रोज ना भी लगाए लेकिन आप अपने जन्मदिन पर, परिजन के जन्मदिन पर पेड़ लगाएं, जो हमारे साथ नहीं हैं उनकी पुण्य स्मृति में पेड़ लगाएं, शादी की वर्षगाँठ पर पेड लगाएं।
शिवराज ने कहा कि एक बड़ा पेड़ मनुष्य को छाया देता है, ऑक्सीजन, फल देता है, पक्षी को घरोंदा देता है। चींटे, चींटी, कीट, पतंगों को जीवन देता है, इसलिए पेड़ लगाना यानि जीवन लगाना है , हम सबको ये पवित्र काम करना चाहिए।
चुनावों से जुड़े सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा विकास और जन कल्याण दोनों मुद्दों पर चुनाव लड़ती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश ने ऊंचाइयों को छुआ है। गांव से लेकर शहर के विकास के लिए बनी योजनाएं अभूतपूर्व हैं। उन्होंने कहा कि योजना चाहें केंद्र सरकार की हो या फिर राज्य सरकार की, सरकारें पैसा दे सकती हैं लेकिन योजनाओं का क्रियान्वयन नगर सरकार करती है। इसलिए नगर सरकार अच्छी बनाइये, सरकार विकास में कोई कसर नहीं छोड़ेगी।
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Atul Saxena
पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....
पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....