ग्वालियर, अतुल सक्सेना। ग्वालियर (gwalior) जिले में अतिवृष्टि (excess rain) एवं बाढ़ (MP Flood) से प्रभावित गांवों में हुए नुकसान के सर्वेक्षण में जिला प्रशासन के अधिकारी जारी जुटे हुए हैं। साथ ही बाढ़ प्रभावित परिवारों को तात्कालिक राहत, आटा, मसाले व मिट्टी का तेल और रहने के अस्थाई प्रबंध के लिए बांस, बल्ली व तिरपाल आदि सामग्री भी दी जा रही है। कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह (Collector Kaushlendra Vikram Singh) ने बुधवार को विभिन्न बाढ़ प्रभावित गांवों में पहुंच कर सर्वेक्षण कार्य और राहत वितरण का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने डबरा के बाढ़ राहत केन्द्र में रह रहे लोगों के साथ बैठकर खाना खाया और भोजन की गुणवत्ता परखी। इस दौरान अपर कलेक्टर आशीष तिवारी भी उनके साथ थे।
कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने निरीक्षण के दौरान निर्देश दिये कि बाढ़ राहत शिविरों से लौटकर आये सभी परिवारों को अस्थाई आवास बनाने के लिए सामग्री उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। साथ ही जिन लोगों के घर पूरी तरह नष्ट हो गए हैं, उन्हें 6 हजार रुपये की तात्कालिक सहायता भी उपलब्ध करायें। उन्होंने डबरा (dabra) विकास खण्ड के ग्राम बाबूपुर व कैथोदा तथा भितरवार विकास खण्ड के ग्राम नजरपुर, सहारन व आदमपुर सहित अन्य ग्रामों में पहुंच कर सर्वेक्षण कार्य का जायजा लिया। साथ ही बाढ़ प्रभावित लोगों से चर्चा कर उन्हें भरोसा दिलाया कि सर्वे का कार्य पूरा होते ही राजस्व पुस्तक परिपत्र के प्रावधानों के तहत राहत वितरित की जायेगी।
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बाढ़ प्रभावित लोगों की संतुष्टि के साथ सर्वेक्षण पर जोर
इस मौके पर कलेक्टर ने बाढ़ प्रभावित लोगों से कहा कि जिला प्रशासन की टीमों द्वारा पूरी पारदर्शिता के साथ सर्वेक्षण का कार्य किया जा रहा है। यदि किसी को अपना पक्ष या बात रखनी हो तो वह सर्वेक्षण दल को बता सकता है। आप सबकी संतुष्टि के साथ दावे आपत्तियों का निराकरण किया जायेगा। उन्होंने सर्वेक्षण कार्य में लगे शासकीय सेवकों एवं ग्रामवार तैनात नोडल अधिकारियों को निर्देश दिये कि बाढ़ प्रभावित लोगों की संतुष्टि के बाद ही सर्वेक्षण को अंतिम रूप दें।
लोगों के बीच बैठकर सुनीं दुख-तकलीफ
कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने डबरा के कम्युनिटी हॉल और भितरवार के मंडी परिसर में बनाये गए बाढ़ राहत केन्द्रों का भी जायजा लिया। इस अवसर पर उन्होंने इन शिविरों में रह रहे लोगों के साथ बैठकर अनौपचारिक माहौल में चर्चा कर उनकी दुख-तकलीफ सुनीं। कलेक्टर श्री सिंह ने राहत शिविरों में रह रहे लोगों को आश्वस्त किया कि उनकी हर जायज समस्या का समाधान किया जायेगा। इस अवसर पर उन्होंने डबरा के बाढ़ राहत केन्द्र में रह रहे लोगों के साथ बैठकर दोपहर का भोजन भी किया और भोजन की गुणवत्ता परखी। कलेक्टर श्री सिंह ने कृषि उपज मंडी परिसर भितरवार में बनाये गए बाढ़ राहत केन्द्र में लोगों की कम संख्या रह जाने से इस केम्प को बालक छात्रावास में शिफ्ट करने के निर्देश भी दिये।
अधोसरंचना के नुकसान का आंकलन भी करें
कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने नुकसान का सर्वेक्षण कर रही टीमों को यह भी निर्देश दिये कि बाढ़ प्रभावित गांवों में जल भराव से क्षतिग्रस्त हुए स्कूल, अस्पताल, पंचायत व आंगनवाडी भवन, सड़कें, पुल-पुलियां, बिजली लाइन, ट्रंसफार्मर व पोल एवं जल सरंचनाओं इत्यादि की सूची भी तैयार करें। उन्होने यह भी निर्देश दिये कि बाढ़ से क्षतिग्रस्त हुईं सड़कों को मोटरेबल बनाने का काम भी युद्ध स्तर पर किया जाए, जिससे आवागमन में दिक्कत न हो।