ग्वालियर। पिछले दिनों मध्यप्रदेश में हुई अतिवृष्टि की राशि केंद्र सरकार द्वारा अबतक नहीं दिए जाने से आक्रोशित कांग्रेस ने संभागीय मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन किया और संभागीय आयुक्त को राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन सौंपा।
केंद्र सरकार से किसानों के लिये मुआवजा राशि देने की मांग को लेकर कांग्रेस ने मोतीमहल स्थित संभागीय आयुक्त कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया । कांग्रेस ने आरोप लगाये कि केंद्र की मोदी सरकार मध्यप्रदेश के साथ भेदभाव कर रही है। जिसे बर्दाश्त नहीं किया जायेगा । कांग्रेस कार्यकर्ता हाथों में झंडे बैनर लिए संभागीय आयुक्त कार्यालय पहुंचे और आयुक्त एम बी ओझा को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौपा। ज्ञापन में बाढ़ पीड़ित किसानों और अन्य प्रभावितों को केंद्र से शीघ्र राहत राशि दिलाने की मांग कांग्रेस ने मांग की है । कांग्रेस का कहना है कि मध्यप्रदेश के 52 जिलों में से ग्वालियर सहित 39 जिले और उनकी 284 तहसीलें बाढ़ और अतिवृष्टि से प्रभावित हैं और किसानों की 60.47 लाख हेक्टेयर फसल बर्बाद हुई है इसके अलावा साथ ही जानमाल का काफी नुकसान हुआ है। इसको लेकर प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार से 16,270 करोड़ रुपये की राशि केंद्र से मांगी है लेकिन केंद्र सरकार ने अभी तक राशि नही दी वो प्रदेश के साथ भेदभाव कर रही है।
आन्दोलन में दिखी गुटबाजी केवल एक विधायक हुए शामिल
ऑल इण्डिया कांग्रेस कमेटी के निर्देश पर किये गए इस आन्दोलन में भी कांग्रेस की गुटबाजी दिखाई दी। पहले सूचना ये थी कि ग्वालियर जिले के प्रभारी मंत्री उमंग सिंघार आन्दोलन का नेतृत्व करेंगे। लेकिन उनका आना निरस्त हो गया। जिसके बाद आन्दोलन का नेतृत्व जिला अध्यक्ष डॉ देवेन्द्र शर्मा ने किया। उनके साथ केवल वर्तमान विधायक मुन्नालाल गोयल ही शामिल हुए। ना ही विधायक प्रवीण पाठक पहुंचे और ना ही मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर शामिल हुए। जबकि मंत्री तो आज गोसपुरा में सफाई अभियान चला रहे थे। इसके अलावा ग्रामीण जिला अध्यक्ष मोहन सिंह राठौड़ भी आन्दोलन में शामिल नहीं हुए। इससे साफ़ पता चलता है कि कांग्रेस में गुटबाजी चरम पर है। कार्यक्रम में पूर्व विधायक रमेश अग्रवाल, पूर्व विधायक राम वरण सिंह गुर्जर सहित प्रदेश और जिला कमेटी के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता शामिल हुए।