ग्वालियर, अतुल सक्सेना। ग्वालियर के विकास को लेकर कांग्रेस (MP Congress) और भाजपा (BJP Madhya Pradesh) दोनों आमने सामने आ गए हैं। भाजपा जहाँ करोड़ों रुपये की विकास योजनाओं के माध्यम से विकास के बड़े बड़े दावे कर रही है वहीं कांग्रेस आरोप लगा रही है कि ग्वालियर में केवल सिंधिया के महल के आसपास ही होता है या फिर उनके चेले ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर की विधानसभा में। जिसे अब शहर की जनता सहन नहीं करेगी। कांग्रेस ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर 15 दिन का अल्टीमेटम दिया है और चेतावनी दी है कि यदि बुनियादी समस्याएं दूर नहीं हुई तो केंद्रीय मंत्री सिंधिया के महल पर धरना दिया जायेगा।
स्मार्ट सिटी योजना में शामिल ग्वालियर स्मार्ट (Gwalior Smart City) होने की जगह बदहाल और बेहाल होता जा रहा है, शहर की जर्जर और उखड़ी हुई सड़कें, बंद पड़ी स्ट्रीट लाइटें, खुले पड़े सीवर चैंबर के चैंबर उन विकास योजनाओं पर सवाल खड़े कर रहे हैं जिनके नाम पर सरकार अब तक करोड़ों रुपये खर्च कर चुकी है और भविष्य में भी करने वाली है । खास बात ये हैं कि आज भी ऊर्जा मंत्री ने अपने क्षेत्र में करोड़ों रुपये के विकास कार्यों का भूमिपूजन किया और दावा किया कि ग्वालियर बदल रहा है।
ग्वालियर (Gwalior News) में विकास के नाम पर सरकार भले ही करोड़ों रुपये खर्च कर रही है लेकिन धरातल पर विकास खोजने पर भी नहीं मिल रहा। 2023 विधानसभा चुनाव का समय नजदीक आता देख अब कांग्रेस मुखर हो गई है। कांग्रेस ने कलेक्टर को ज्ञापन देकर सरकार को ग्वालियर की बुनियादी जरूरतों को दुरुस्त करने के लिए 15 दिन का अल्टीमेटम दिया है नहीं तो केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Union Minister Jyotiradhya Scindia) के महल पर धरना देने की चेतावनी दी है।
कांग्रेस विधायक डॉ सतीश सिकरवार का आरोप है कि ग्वालियर के विकास पर करोड़ों रुपये खर्च तो हो रहे हैं लेकिन केवल श्रीमंत सिंधिया के महल के आसपास और उनके चेले ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के विधानसभा क्षेत्र में हो रहे हैं। प्रदेश सरकार से लेकर ग्वालियर नगर निगम में बैठे अधिकारियों को शहर की जनता की चिंता नहीं है। उन्हें ना तो बंद स्ट्रीट लाइट दिखाई देती हैं , ना उखड़ी और जर्जर सड़कें और ना ही उफनते सीवर चैम्बर।
उन्होंने कहा कि सरकार के पास हवाई अड्डा, एलिवेटेड रोड जैसी बड़ी बड़ी योजनाओं के लिए पैसा है लेकिन जनता की बुनियादी जरूरतों के लिए पैसा नहीं है। चीतों की ब्रांडिंग के लिए पैसा है लेकिन शहर की जनता को मिलने वाली बुनियादी जरूरतों के लिए पैसा नहीं है।
मीडिया ने जब अपने विधानसभा क्षेत्र में करोड़ों के विकासकार्यों का भूमिपूजन करने पहुंचे ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर से कांग्रेस के अल्टीमेटम पर सवाल किया तो उन्होंने कहा कि नगर निगम में कांग्रेस की महापौर है उनकी सरकार है वे शहर का विकास करें यदि जरुरत हैं तो हम सहयोग के लिए तैयार हैं। हम विकास में विश्वास करते हैं आलोचना में नहीं। सिंधिया के महल के सामने कांग्रेस के धरने की चेतावनी के सवाल पर लगभग भड़कते हुए ऊर्जा मंत्री में कहा कि यदि कांग्रेस ऐसा करेगी तो उससे पहले शहर की जनता नगर निगम का घेराव करेगी, महापौर का घेराव करेगी।
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Atul Saxena
पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....
पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....