कांग्रेस नेता को जान से मारने की धमकी, आरोपी ने खून से लिखा पत्र भेजा, पुलिस ने मामला दर्ज किया

Atul Saxena
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Congress leader threatened to kill : ग्वालियर में एक बार फिर कांग्रेस नेता को जान से मारने की धमकी मिली है, एक ही महीने में दूसरी बार कांग्रेस नेता को धमकी मिलने से सियासी पारा गरमा गया है। इस बार आरोपी ने खून से लिखे हुए पत्र कांग्रेस नेता के ऑफिस में छोड़े हैं। धमकी भरे पत्र मिलने के बाद कांग्रेस नेता ने पुलिस थाने में इसके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है।

इस महीने की शुरुआत में 4 फरवरी को कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष एवं ग्वालियर प्रभारी डॉ महेंद्र सिंह चौहान को किस अज्ञात व्यक्ति ने एक बंद लिफाफे में धमकी भरा परचा थमाया था जिसमें उन्हें ग्वालियर आने जाने से रोकने और नहीं मानने पर जान से मारने की धमकी दी गई थी, उन्होंने थाटीपुर थाने में इसकी शिकायत दर्ज कराई थी लेकिन अभी तक पुलिस आरोपी का पता नहीं लगा पाई है।

आज एक बार फिर धमकी का मामला सामने आया है, कांग्रेस के पूर्व प्रदेश महामंत्री एवं यादव महासभा के अध्यक्ष रुपेश यादव को किसी अज्ञात व्यक्ति ने धमकी भरा पत्र भेजा है , ये पत्र एक बंद लिफाफे में रुपेश यादव के ऑफिस में कोई डाल गया, खास बात ये है कि धमकी भरे ये पत्र खून से लिखे हुए हैं ।

पत्र देखने के बाद कांग्रेस नेता ने सिरोल थाने में इसके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है, पत्र में आरोपी ने रुपेश यादव को जान से मारने की धमकी देते हुए गालियाँ भी दी है, आरोपी ने लिखा है कि 15 दिन के अन्दर तुझे ऊपर भेज देंगे, ओबीसी/एससी/एसटी कोई कुछ नहीं कर पायेगा। पत्र के अंत में “स्वर्ण समाज (माई के लाल) ब्राह्मण ठाकुर एकता जिंदाबाद भी लिखा है।

कांग्रेस नेता रुपेश यादव ने कहा कि कुछ छुट भैया लोग फेमस होने के लिए इस तरह की हरकत करते हैं, उन्होंने कहा कि वे डरने वाले नहीं है, ये कायरता है, मैंने प्रशासन को बता दिया है अब यदि मेरे साथ कुछ भी गलत होता है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी पुलिस प्रशासन की होगी । उधर  पुलिस का कहना है कि रुपेश यादव ने शिकायत दर्ज कराई है , पुलिस उनके ऑफिस के आसपास के सीसीटीवी चैक कर रही है , जल्दी ही आरोपी को गिरफ़्तारी कर ली जाएगी।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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