ग्वालियर।अतुल सक्सेना| गुना में दलित किसान परिवार के साथ हुई पुलिसिया बर्बरता के बाद प्रदेश की राजनीति में उछाल आ गया है। कांग्रेस मुख्यमंत्री से इस्तीफा मांग रही है तो भाजपा किसी भी दोषी को नहीं बख़्शने का ऐलान कर चुकी है। अब एक बार फिर कांग्रेस ने घटना पर सरकार के एक्शन के लिए सवाल उठाये हैं। कांग्रेस ने तंज कसा है कि सिंधिया के एक ट्वीट से कैसे पता चल गया कि सीनियर अफसर दोषी हैं।
मध्य प्रदेश की 26 सीटों पर होने वाले उपचुनाव से पहले गुना में दलित परिवार के साथ हुई घटना ने तूल पकड़ लिया है। कांग्रेस और भाजपा दोनों ही इस मुद्दे को अपने ढंग से भुनाने में लगे हुए हैं। कमलनाथ, दिग्विजय सिंह सहित कई वरिष्ठ कांग्रेसियों के जुबानी हमले के बाद हाल ही में भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए और प्रदेश उपाध्यक्ष बनाये गए बालेंदु शुक्ला ने भी इस घटना पर सरकार पर तंज कसा है। घटना के बाद सरकार द्वारा IG, SP और कलेक्टर के ट्रांसफर को लेकर बालेंदु शुक्ला ने बड़ा बयान दिया है। बालेंदु ने कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के हुकुम पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने एसपी और कलेक्टर के ट्रांसफर कर दिये। आखिर सिंधिया के ट्वीट के कुछ मिनटों में कैसे पता चल गया कि ये बड़े आधिकारी दोषी हैं, जो उनका ट्रांसफर कर दिया। बालेन्दु शुक्ला ने ग्वालियर जोन के आईजी राजा बाबू सिंह के ट्रांसफर पर कड़ा एतराज जताया है। उन्होंने कहा कि राजा बाबू सिंह शानदार अफसर है, गरीबों की मदद करते हैं । लेकिन सिंधिया जी को राजा बाबू पसंद नहीं थे इसलिए उसको हटावा दिया, शायद उपचुनाव को देखते हुए यह फैसला लिया गया है, क्योंकि राजा बाबू इसलिए राजा बाबू सिंह को हटवा दिया है। बहरहाल गुना मामले में सरकार ने 6 पुलिस कर्मियों को फौरी तौर पर दोषी मानते हुए निलंबित कर दिया है और पूरे घटना क्रम की उच्च स्तरीय जाँच की जा रही है लेकिन भाजपा और कांग्रेस लगातार इस मामले में एक दूसरे पर हमला कर मुद्दा भुनाने में लगे हैं।