Dispute on the order of Gwalior Collector : ग्वालियर के नए नवेले कलेक्टर अक्षय सिंह का एक आदेश उनके लिए मुसीबत बन गया है। दरअसल दो दिन पहले कलेक्टर ने भितरवार अनुभाग के एसडीएम सीबी प्रसाद को एक बार फिर झांसी रोड सर्किल का एसडीएम बना दिया था। हैरत की बात यह रही कि प्रसाद का तीन दिन पहले ही राज्य शासन ने गुना तबादला कर दिया था। अब कांग्रेस इसे मुद्दा बनाकर सरकार को कटघरे में खड़ा कर रही है।
कलेक्टर के आदेश पर विवाद
‘सिर मुंडाते ही ओले पड़े’ कहावत ग्वालियर कलेक्टर के लिए सही साबित हो रही है। दरअसल कुछ दिन पहले ही शिवपुरी से तबादला होकर ग्वालियर जैसे बड़े जिले का प्रभार संभालने वाले अक्षय सिंह के लिए उनका एक आदेश विवादों के घेरे में है। अक्षय सिंह ने अपने इस आदेश में ग्वालियर में बहुचर्चित एसडीएम सीबी प्रसाद को एक बार फिर मलाईदार माने जाने वाले झांसी रोड सर्किल का एसडीएम बना दिया। इसके पहले हाल ही में तबादला करते हुए तत्कालीन कलेक्टर कौशलेंद्र सिंह ने सीबी प्रसाद को झांसी रोड सर्किल से हटाकर भितरवार पदस्थ कर दिया था। इस पूरे मामले में सबसे दिलचस्प बात यह है कि राज्य शासन के द्वारा तीन दिन पहले जारी की गई राज्य प्रशासनिक सेवा अधिकारियों की तबादला सूची में प्रसाद को ग्वालियर जिले की बजाय गुना में पदस्थ कर दिया गया।
अब कांग्रेस इसे मुद्दा बनाकर मुख्यमंत्री से सवाल पूछ रही है कि आखिरकार चल क्या रहा है। नेता प्रतिपक्ष डॉ. डॉक्टर गोविंद सिंह ने सवाल करते हुए कहा है कि ग्वालियर कलेक्टर ने आखिर कैसे राज्य शासन के आदेश की धज्जियां उड़ा दी। उन्होंने अपने बयान में कहा है कि भूमि घोटालों को लेकर चर्चित रहे एसडीएम सीबी प्रसाद को आखिरकार किस नेता के इशारे पर एक बार फिर झांसी रोड सर्किल में पदस्थ किया गया है। उन्होंने मुख्यमंत्री से इस पूरे मामले की जांच करने की मांग भी की है। दरअसल सीबी प्रसाद के खिलाफ लोकायुक्त में एक जांच पेंडिंग है जिसमें ग्वालियर के डोंगरपुर में स्थित सरकारी जमीन को, जो मर्सी हाउस के लिए आवंटित थी, निजी लोगों के पक्ष में करने का आदेश पारित करने का आरोप है। एक व्यक्ति की शिकायत पर खुद ग्वालियर के पूर्व विधायक और वर्तमान में राज्य बीज निगम अध्यक्ष मुन्नालाल गोयल ने ग्वालियर के कमिश्नर सहित कई लोगों को इस बात की शिकायत की थी कि आखिरकार कैसे सरकारी जमीन सुलेमान नामक व्यक्ति के नाम चली गई जिसने विभिन्न बिल्डरों को जमीन बेच दी। इस जमीन की कुल कीमत 500 करोड़ रुपये से भी ज्यादा बताई जा रही है। इसके अलावा सीबी प्रसाद के ऊपर जमीनों को लेकर ऐसे आरोप लगते रहे हैं कि उन्होने कलेक्टर के आदेश का अतिक्रमण करते हुए खुद ही आदेश पारित कर दिए। अब देखना यह है कि नेता प्रतिपक्ष के इन आरोपों के बाद राज्य सरकार इस मामले में क्या कदम उठाती है।
2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।