Corona Crisis : अपने ही आदेश से पलटी सरकार, पहले दी नियुक्ति फ़िर हटाया

ग्वालियर। अतुल सक्सेना| Gwalior News प्रदेश में भले ही कोरोना संकट (Corona Cirisis) बढ़ रहा हो, रोज नये मरीज सामने आ रहे हो लेकिन सरकार इसे लेकर कितनी गंभीर है इसका अंदाजा उसके एक आदेश से लगता है। इस महामारी में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले डॉक्टर्स के साथ धोखा करते हुए सरकार ने पहले उसे संविदा आधार पर तीन महीने की नियुक्ति का आदेश थमाया और फिर अपने ही आदेश को पलटकर एक महीने की नियुक्ति का आदेश निकाल दिया। इस आदेश से अकेले ग्वालियर मेडिकल कॉलेज के ही एक सेंकड़ा डॉक्टर्स प्रभावित हुए है जबकि प्रदेश में ये आंकड़ा पांच सेंकड़ा हो सकता है।

मध्यप्रदेश में कोरोना मरीजों की संख्या 11,244 पहुँच चुकी है और मौत का आंकड़ा 482 हो चुका है । इतना ही नहीं रोज नये पॉजिटिव मरीजों के मिलने का सिलसिला जारी यानि प्रदेश में कोरोना संकट बरकरार है। ग्वालियर की यदि बात करें तो पॉजिटिव मरीजों की संख्या 278 हो चुकी है। कोरोना के बढ़ते मरीजों की संख्या और डॉक्टर्स की कमी को देखते हुए चिकित्सा शिक्षा विभाग के आयुक्त ने 30 मई को आदेश निकाला। आदेश में कहा गया कि पोस्ट ग्रेजुयेशन कर रहे अंतिम वर्ष के चिकित्सा छात्र छात्राओं को कोविड-19 महामारी को देखते हुए 01जून से तीन महीने के लिए अस्थाई रूप से NHM की दर पर मानदेय रुपये 60,000( साठ हजार) प्रतिमाह पर नियुक्त किया जाता है। जो छात्र छात्राएं टेन्योर पूरा होने कंबाद कोविड -19 में सेवा देने के इच्छुक हैं वे अपने आदेश कॉलेज के डीन के पास भेज सकते हैं। आदेश में ये भी स्पष्ट किया गया था कि ये अवधि छात्र छात्राओं द्वारा पीजी करने के बाद उनके द्वारा की जाने वाली अनिवार्य ग्रामीण सेवा की अवधि में विकलनीय होगी अर्थात बॉण्ड अवधि में जोड़ी जायेगी।


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न्यूज डेस्क, Mp Breaking News

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