ग्वालियर, अतुल सक्सेना। ग्वालियर महापौर डॉ शोभा सतीश सिंह सिकरवार ने आज अपनी एमआईसी (Gwalior MIC) की घोषणा कर दी। महापौर ने आज बुधवार को मेयर इन काउन्सिल (Gwalior Mayor in Council) सदस्यों की पहली सूची जारी की जिसमें 5 पार्षदों के नाम हैं। खास बात ये है कि इन पांच नामों में से केवल एक नाम कांगेस पार्षद का है बाकी वो निर्दलीय पार्षद हैं जिन्होंने चुनाव जीतने के बाद कांग्रेस का दामन थाम लिया और सभापति बनाने के लिए कांग्रेस का साथ दिया।
ग्वालियर नगर निगम (Gwalior Municipal Corporation) के बालभवन कार्यालय में महापौर शोभा सिकरवार ने आज पत्रकारों के सामने अपने कैबिनेट यानि एमआईसी की घोषणा की। पहली सूची में पांच पार्षद शामिल किये गए है। गौरतलब है कि एमआईसी में अधिकतम 10 सदस्य होते है, शेष सदस्यों की सूची बाद में जारी की जाएगी।
आज जारी सूची में महापौर डाॅ. शोभा सतीश सिकरवार ने पार्षद अवधेश कौरव को स्वच्छता एवं ठोस अपशिष्ट प्रबंधन विभाग की जिम्मेदारी दी है, पार्षद नाथूराम ठेकेदार को सामान्य प्रशासन विभाग, पार्षद सुरेश सिंह सोलंकी को राजस्व विभाग, पार्षद श्रीमती सुनीता अरूणेश कुशवाह को लोक निर्माण एवं उद्यान विभाग एवं श्रीमती आशा सुरेन्द्र चौहान को जलकार्य तथा सीवरेज विभाग का दायित्व सौपा है। इस अवसर पर महापौर डाॅ. सिकरवार ने सभी को शुभकमानायें दी तथा निगम के कार्यों को पूर ईमानदारी से करने के लिये कहा।
यहाँ गौर करने वाली बात ये है कि एमआईसी की पहली सूची में महापौर डॉ शोभा सिंह सिकरवार (Gwalior Mayor Dr Shobha Satish Singh Sikarwar) ने जिन पांच पार्षदों को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी है उनमें केवल एक अवधेश कौरव ही मूल कांग्रेसी (Gwalior Congress) हैं शेष कोई कांग्रेस के टिकट पर पार्षद नहीं बना है। अवधेश कौरव का नाम सभापति के रूप में कांग्रेस ने बढ़ाया था लेकिन उन्हें वहां सफलता नहीं मिली तो एमआईसी में उन्हें जगह दे दी गई।
इसके अलावा शेष चार पार्षदों को सभापति बनाने के लिए कांग्रेस (MP Congress) का साथ देने का इनाम मिला है। पार्षद सुरेश सिंह सोलंकी बीएसपी के पार्षद हैं, नाथूराम निर्दलीय चुनाव जीते, सुनीता चौहान भाजपा की बागी होकर चुनाव लड़ी और आशा सुरेंद्र चौहान कांग्रेस से बागी होकर चुनाव लड़ी लेकिन बाद में इन सभी ने कांग्रेस की सदस्यता ले ली जिसका इनाम इन्हें एमआईसी सदस्य बनकर मिला है।
यहां बताना जरूरी है कि ग्वालियर नगर निगम चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर 25 पार्षद चुनाव जीतकर आये लेकिन एमआईसी में केवल एक कांग्रेसी को जगह मिलने से उनमें नाराजगी है। वे अभी कुछ नहीं बोल रहे और शांत बैठे हैं उन्हें एमआईसी की दूसरी सूची का इन्तजार है। उधर जीतकर आये मूल कांग्रेसियों को दरकिनार करने की चर्चा नगर निगम के गलियारों से लेकर शहर में जोरों पर चल रही है।
About Author
Atul Saxena
पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....
पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....