साइबर ठगी का अनोखा मामला, मृत SDM के नाम से राजस्व अधिकारी को मैसेज भेज मांगे 30 हजार रुपये

रवि नंदन तिवारी को समझते देर नहीं लगी कि कोई उनके साथ ठगी की कोशिश कर रहा है क्योंकि उन्हें मालूम था कि SDM राघवेन्द्र पाण्डेय की मृत्यु हो चुकी है वो पैसों की डिमांड कैसे कर सकते हैं?

Atul Saxena
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Gwalior News : बढ़ते साइबर फ्रॉड के बीच ग्वालियर में एक अनोखा मामला सामने आया है, ठगों ने एक ऐसे शख्स के नाम के नंबर से अधिकारी को ठगने की कोशिश की जिसकी मृत्यु चार साल पहले हो चुकी थी, मैसेज में पहले हालचाल पूछा गया फिर 30 हजार रुपये की डिमांड की, उन्हें समझते देर नहीं लगी कि कोई उन्हें ठगने की कोशिश कर रहा है , तो वे सावधान हो गए और ठगी से बच गए।

ग्वालियर में पदस्थ एक राजस्व अधिकारी के होश उस समय उड़ गए जब उनके मोबाइल पर एक ऐसे व्हाट्स एप नंबर का मैसेज आया जो अब दुनिया में नहीं है, उन्हें लगा ये नंबर अभी मौजूद होगा तो मैसेज आ गया होगा, ये नंबर था पूर्व SDM राघवेन्द्र पाण्डेय का जिनकी मृत्यु कोरोना काल में हो गई थी।

पहले हालचाल पूछे फिर मांगे 30 हजार रुपये 

मैसेज करने वाले ने पहले हाल चाल पूछे, फिर उसने अपनी असली चाल चली फिर  साइबर ठग ने ग्वालियर में पदस्थ SLR (अधीक्षक भू अभिलेख विभाग) रविनंदन तिवारी से पैसों की डिमांड शुरू कर दी, मैसेज भेजने वाले ने 30 हजार रुपये मांगे और जल्दी वापस करने की बात कही।

समझदारी दिखाकर ठगी से बच गए राजस्व अधिकारी 

रवि नंदन तिवारी को समझते देर नहीं लगी कि कोई उनके साथ ठगी की कोशिश कर रहा है क्योंकि उन्हें मालूम था कि SDM राघवेन्द्र पाण्डेय की मृत्यु हो चुकी है वो पैसों की डिमांड कैसे कर सकते हैं? उन्होंने बहाना बनाया और फिर चैट को वायरल कर दिया।

SLR तिवारी ने लोगों से सावधान रहने की अपील की 

राजस्व अधिकारी तिवारी ने इसकी जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को दी, उन्होंने कहा कि वे साइबर सेल में इसकी शिकायत कर रहे हैं, SLR रवि नंदन तिवारी ने लोगों से अपील की है कि साइबर ठगों से सावधान रहे और उनसे बात करते समय होश और समझदारी से काम ले।

ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट 


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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