डबरा/सलिल श्रीवास्तव।
पुलिस किसी को फंसाने पर आ जाए तो उसे कोई बचा नहीं सकता और किसी को बचाने की कोशिश में लग जाए तो तब तक कोशिश करती है जब तक उसके हाथ से मामला बाहर नहीं हो जाता ताजा मामला कल भितरवार के बनियानी चेकपोस्ट का है जहां फेरीवाले एक युवक सूरज लोहापीटा की पुलिस ने इतनी बेरहमी से पिटाई की कि उसके दोनों हाथों में गंभीर चोट आई और उसे ग्वालियर भेजना पड़ा पुलिस वालों ने उसकी मारपीट तो की साथ ही उसकी पत्नी के साथ ही अभद्रता की।
जब बड़ा हुजूम इकट्ठा हुआ थाने के सामने जाम लगा तो पुलिस दबाव में आई फिर भी दो अज्ञात के खिलाफ मारपीट की धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया गया यहां सबसे बड़ा प्रश्न है यह है कि पुलिस को ज्ञात ही नहीं था कि उस समय उस चेक पोस्ट पर कौन ड्यूटी दे रहा था या फिर पुलिस उन्हें बचाने का प्रयास कर रही थी शाम को मामला एडीजी राजा बाबू सिंह के सामने आया तो उन्होंने तत्काल कार्यवाही की बात करते हुए दोनों पुलिस कर्मियों पर तत्काल निलंबन की कार्यवाही की बात मीडिया को एक बाइट देते हुए कह दी पर उनके बयान के 12 घंटे बाद भी अधिकारी स्पष्ट नहीं कर सके की कार्यवाही हुई है तो किस पर ?
जब इस संबंध में एसडीओपी भितरवार शैलेंद्र सिंह जादौन से बात की तो उनका कहना था कि मेरे को अभी तक इस संबंध में कोई भी लिखित पत्र प्राप्त नहीं हुआ है जब उनको बताया कि आईजी ने कार्यवाही की बात कही है तो भी उनका कहना था कि मुझे अब तक कोई भी स्पष्ट जानकारी नहीं है पत्र आ जाने के बाद ही मैं बता पाऊंगा कि किस पर कार्यवाही हुई है अब प्रश्न उठता है कि आईजी की बात को भी जिला कप्तान ने गंभीरता से नहीं लिया या फिर स्थानीय पुलिस प्रशासन बताना नहीं चाह रहा है कि किस पर करवाई हुई है फिलहाल इस घटना से भितरवार नगर के लोगों में आक्रोश व्याप्त है और पुलिस की छवि खराब हो रही है।