प्रशासन और ठेका कंपनी अवैध रेत उत्खनन रोकने में दोनों असफल, आखिर किसके संरक्षण में चल रहा है यह कार्य

रेत माफिया शासन-प्रशासन को खुलकर चुनौती दे रहे हैं और नदी में पनडुब्बियाँ डालकर रेत का अवैध उत्खनन कर रहे हैं।

Amit Sengar
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Dabra News : मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले की डबरा तहसील में प्रशासन की नाक के नीचे रेत माफिया खुलेआम अवैध खनन एवं परिवहन कर रहा हैं, हैरानी की बात ये है कि पूरे क्षेत्र को इस अवैध खनन के बारे में जानकारी है, लेकिन जिम्मेदारों का इस और नहीं है कोई ध्यान। लाख कोशिशों के बावजूद खनन माफियाओं पर प्रतिबंध नहीं लग पा रहा है। सारे नियमों को ताक में रख खनन माफिया नदी से खुदाई कर अवैध रेत खनन के कारोबार में जुटा हुआ हैं।

आपको बता दें कि डबरा अनुभाग में रेत माफिया पनडुब्बी डालकर लंबे समय से नदियों का सीना छल्ली कर रहे हैं जिससे नदियों का जलस्तर भी काम हुआ है ऐसा नहीं की इस अवैध रेत उत्खनन की खबर माइनिंग जिला अधिकारी को ना हो क्योंकि अवैध रेत उत्खनन पर प्रशासन द्वारा कई बार कार्रवाइयां भी हुई है बावजूद इसके रेत माफिया शासन-प्रशासन को खुलकर चुनौती दे रहे हैं और नदी में पनडुब्बियाँ डालकर रेत का अवैध उत्खनन कर रहे हैं।

शासन को रही है राजस्व की हानि

रेत माफिया दिनदहाड़े खनन कर उसका परिवहन कर रहा हैं। बावजूद इसके उन पर कोई कार्रवाई नहीं हो पा रही है। जिसके कारण उनके हौंसले बुलंद है। बिना अनुमति के अवैध रेत की चोरी करने और रायल्टी जमा नहीं करने से शासन को भी आर्थिक हानि पहुंच रही है।

जल्द होगी अवैध उत्खनन पर कार्रवाई

वहीं जब इस मामले में माईनिंग जिलाधिकारी प्रदीप भूरिया से बात की गई तो उन्होंने अवैध रेत पर कार्रवाई करने की बात भी कही है अब देखना यह है कि कब तक रेत के इस अवैध उत्खनन पर कार्रवाई होगी और क्या कुछ कार्रवाई होगी।

डबरा से अरुण रजक की रिपोर्ट


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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