डबरा, अरुण रजक। लूट, हत्या, चोरी डबरा (Thefts in Dabra) शहर के लिए अब आम सी बात हो गई हैं। आए दिन हो रही इन वारदातों को रोकने में पुलिस पूरी तरह नाकाम (Dabra police failed) साबित दिखाई देती है। चोरों के हौसले इतने बुलंद हो चुके हैं कि अब उनको रोक पाना पुलिस के लिए नामुमकिन हो चुका है।
अभी कुछ समय पहले डबरा के मशहूर हड्डी रोग चिकित्सक डॉ. चौगांवकर के सूने मकान में चोरों ने ताले चटका कर वारदात को अंजाम दिया था और आज जाने-माने चिकित्सक डॉक्टर ढींगरा के सूने मकान में चोरी कर एक बार फिर अपने हौसले का नजारा पेश किया है।
घटना की जानकारी आसपास के लोगों को तब मिली जब डॉक्टर ढींगरा के यहां काम करने वाली महिला सुबह काम करने के लिए घर पहुंची। क्योंकि डॉक्टर ढींगरा अपने परिवार के साथ शहर से बाहर गए थे इस बात का फायदा लेकर चोरों ने रात में ही घटना को अंजाम दिया। जब महिला ने घर के सभी गेटों को खुला देखा तब उसने इस बात की जानकारी मोहल्लेवासियों को दी। जिसके बाद मोहल्लेवासियों ने पुलिस को घटना की इत्तला की।
आपको बता दें अभी हाल ही में डबरा शहर में जो भी बड़ी वारदातें हुई हैं चाहे वह हत्या की हो या मशहूर लोगों के घरों में चोरी की, यह सभी घटना स्थलों की दूरी डबरा सिटी पुलिस थाने के एक किलोमीटर की परिधि में आती है। जिससे एक बात तो साफ तौर पर साबित होती है की पुलिस हो रही घटनाओं को लेकर और उन्हें रोकने के लिए कितनी सजग है!
मोहल्ले में रहने वाले लोगों का कहना है कि हमारा इलाका शहर के पॉश इलाकों में आता है और यहां शासन की गतिविधियां काफी तेज होना चाहिए। चोरी जैसी वारदातें यहां होना ही नहीं चाहिए। जब यही क्षेत्र सुरक्षित नहीं है तो फिर डबरा के बाकी क्षेत्रों की तो क्या ही स्थिति होगी। उन्होंने बताया पहले भी इस इलाके में चोरियां हो चुकी हैं उसके बावजूद पुलिस की गतिविधियां धीमी ही बनी हुई हैं। इसके बाद वहां बैठी महिला ने भी अपनी बात बताते हुए हमें कहा कि, सामने पड़े एक खाली प्लॉट में अक्सर असामाजिक गतिविधियों को होते हुए देखा जाता है। इसकी जानकारी उन्होंने कई बार पुलिस और जनप्रतिनिधियों को भी दी है लेकिन कोई भी कार्यवाही नहीं होती है। विगत एक वर्ष में इस इलाके में चार से पांच चोरी की वारदातें घटित हो चुकी है।
आज घटित हुए घटना के बारे में जब हमारी बात डॉक्टर ढींगरा से हुई तब उनका कहना था कि उन्हें घटना की जानकारी मिल चुकी है और वह जल्द ही घर पहुंचकर देखेंगे कि उनका कितना सामान चोर चोरी कर ले गए है।
इस समय डबरा नगर वासी बुरी तरह प्रशासनिक अव्यवस्थाओं से जूझ रहे हैं। हत्या, चोरी, लूट, एक्सीडेंट शहर में धीरे-धीरे आम सी बात होती जा रही है। चाहे तीन दिन पहले व्यापारी रोहिरा से पैसों का बैग लूटने के प्रयास की घटना की बात करें, या सरेआम बाजार में गोलियां चलाने की बात करें, या भारी वाहनों के चपेट में आने से हो रही मौतों की बात करें, या शहर में फल फूल रहे नशे के व्यापार की बात करें, जनप्रतिनिधि, पुलिस और नगर प्रशासन इन सभी को रोकने में पूरी तरह असमर्थ प्रतीत हो रहा है।
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Atul Saxena
पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....
पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....