डबरा।सलील श्रीवस्ताव।
देशभक्ति जन सेवा की लाइन पर चलने वाली पुलिस कभी-कभी ऐसा भी कर देती है कि लोगों का उस पर से विश्वास उठ जाता है ताजा मामला गिजौरा थाना क्षेत्र के ग्राम किटोरा का है यहां 2 दिन पूर्व एक नाबालिग से बंदूक की नोक पर सामूहिक दुष्कर्म होता है और मामला उसी रात थाने पहुंचता है पर थाना प्रभारी मामले की गंभीरता को ना समझते हुए जांच की बात कहकर डाल देता है 2 दिन बाद जैसे ही मामले की जानकारी दलित समाज के लोगों को लगती है तो वह थाने पहुंचते हैं पर उनकी बात भी अनसुनी कर दी जाती है सुबह से लेकर शाम तक थाने बैठने के बाद तब उन्हें लगता है कि उनकी FIR नहीं होगी तो वह जिला कप्तान से बात करते हुए डबरा पहुंचते हैं जहाँ देर रात शून्य पर मामला दर्ज कर लिया जाता है पूरे वाकए को देखकर लगता है कि उस मासूम का क्या दोस्त था जिसने पीड़ा भी सही और मामला दर्ज कराने के लिए जिल्लत भी।
घटना 13 मई की है जब 14 वर्षीय नाबालिक घर पर थी तभी तो गाँव के ही अनिकेत और सचिन आए बंदूक की नोक पर माता पिता को जान से मारने की धमकी देते हुए उसे ले जाकर उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म कर दिया 13 मई की रात ही सो नंबर पर सूचना देने के बाद पुलिस पहुंची और परिजन बच्ची को लेकर गिजौरा थाने पहुंचे पर पुलिस ने उनकी फरियाद नहीं सुनी और 2 दिन तक उसे टालती रही मामले में जब समाज के लोग एकत्रित हुए और जिला कप्तान नवनीत भशीन को मामले से अवगत कराया गया तो गिजौरा थाना तो नहीं पर डबरा थाने में एसडीओपी उमेश तोमर की उपस्थिति में प्राथमिकी दर्ज कराई गई इस पूरे घटनाक्रम को देखकर लगता है कि ऐसे समय में जहां पुलिस मिसाल कायम कर रही है वहीं डबरा अनुविभाग की गिजौरा पुलिस असंवेदनशील बनी हुई है।जब इस सम्बन्ध एसडीओपी उमेश तोमर से बात की तो बह इसे लापरवाही तो मान रहे है साथ ही मामले की जाँच की बात कह रहे है पर जब उनसे पूछा कि बलात्कार में जाँच का प्राबधान है और दो दिन की देरी क्यूँ हुई तो कोई स्पष्ट उत्तर नहीं दे सके।