ग्वालियर, अतुल सक्सेना। नगर निगम (municipal Corporation) चुनावों की तारीखों का ऐलान भले ही अभी नहीं हुआ है लेकिन ग्वालियर भाजपा (BJP) में सियासी पारा उछाल पर है। नेता पार्षद बनने का सपना मन में पाले हुए दावेदारी कर रहे हैं और अपना बायोडाटा संगठन के पास भेज रहे हैं। संगठन की समस्या ये है कि वो इन आवेदनों का क्या करे क्योंकि वरिष्ठ नेतृत्व से उसे अभी कोई निर्देश नहीं मिले हैं। पार्षद (Councilor)पद की दावेदारी करने वाले सैकड़ों नेताओं ने पार्टी नेतृत्व को अपने आवेदन भेज दिये है।
मध्य प्रदेश की 16 नगर निगम चुनावों के लिए वार्डों के परिसीमन के बाद महापौर पद की आरक्षण प्रक्रिया पूरी होने के बाद नेताओं में जबरदस्त उत्साह है। उनकी अपने क्षेत्र में सक्रियता बढ़ गई है। नतीजा ये है कि ग्वालियर नगर निगम सीमा के 66 वार्डों के लिए पार्षद पद की दावेदारी करने वाले सैकड़ों नेताओं ने पार्टी नेतृत्व को अपने आवेदन भेज दिये है। हालांकि किसी ने अभी आवेदनों की संख्या को गिना नहीं है और रोज इनकी संख्या भी बढ़ रही है इसलिए इनकी संख्या 500 से 1000 मानी जा रही है। इतनी अधिक संख्या में तारीखों के एलान से पहले ही पहुंचे आवेदनों को लेकर पार्टी संगठन पसोपेश में है कि इन आवेदनों का वो क्या करे।
छंटाई के लिए बनेगी कमेटी, भेजे जायेंगे पर्यवेक्षक
बड़ी संख्या में पहुँच रहे आवेदनों के बाद भाजपा आलाकमान के पास ये सिरदर्द बढ़ रहा है कि इन आवेदनों में से योग्य प्रत्याशी की छंटाई कैसे करें। भाजपा जिला अध्यक्ष कमल माखीजानी से जब एमपी ब्रेकिंग न्यूज़ ने बात की तो उनका कहना था कि संगठन का विस्तार हो रहा है , एक एक वार्ड से 15-20 दावेदार सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि भले ही चुनाव कार्यक्रम घोषित नहीं हुआ लेकिन दावेदारों के आवेदन आ रहे है। जिला अध्यक्ष ने कहा कि आवेदनों में से योग्य उम्मीदवार छांटने के लिये एक कमेटी बनाई जायेगी। उन्होंने संभावना जताई कि इस बार वार्डों में पर्यवेक्षक भी भेजे जा सकते हैंम जो जनता की नब्ज टटोल सके।
आवेदन के साथ सिफारिशी पत्र भी, युवाओं की संख्या अधिक
पार्टी सूत्रों के मुताबिक पार्षद पद के दावेदारों के आवेदन रोज बढ़ रहे हैं और चुनाव कार्यक्रम तक ये कई हजार हो जायेंगे। भाजपा संगठन के लोग भी इन आवेदनों को लेकर अचंभे में है उन्होने आवेदनों को संभागीय संगठन मंत्री आशुतोष तिवारी से लेकर प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा तक पहुंचा दिया है। विशेष बात ये है इन आवेदनों में 50 से 60 प्रतिशत तक युवा कार्यकर्ताओं के आवेदन है जो राजनीति का अभी ककहरा सीखे है लेकिन अब उन्हें सपने में पार्षदी दिख रही है। मजेदार बात ये है कि पार्षदी के इच्छुक कई कार्यकर्ता अपने आवेदन के साथ अपने अपने नेताओं के सिफारिशी पत्र तक लगा रहे हैं। कईयों ने अपने आवेदनों में अब तक के अपने राजनैतिक कार्यों सहित अपनी सामाजिक भागीदारी तक का जिक्र भी किया है।
सिंधिया समर्थक भाजपाईयों को एडजस्ट करना होगा चुनौती
कांग्रेस भाजपा में आए ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक नेता भी अब पार्षदी का ख्वाब देख रहे हैं। बताया जा रहा है कि सिंधिया खेमे के कई युवा नेताओं ने अपने आवेदन भाजपा संगठन को भेजे हैं। सिंधिया समर्थक भाजपाई चाहते हैं उन्हें पार्षदी का टिकट मिल जाए। अब ये भाजपा का वरिष्ठ नेतृत्व तय करेगा कि पार्टी के पुराने निष्ठावान कार्यकर्ता और कांग्रेस में से भाजपा में आये कार्यकर्ता दोनों को कैसे एडजस्ट किया जाए। उधर ये भी कयास लगाए जा रहे हैं कि आदत के अनुरूप सिंधिया अपने कुछ समर्थकों के लिये भाजपा आला कमान के सामने कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे।