मध्यप्रदेश की राजनीति में आये जलजले के सूत्रधार ज्योतिरादित्य सिंधिया भले ही स्वयं राज्यसभा सदस्य बन गए और मंत्रिमंडल विस्तार में उन्होंने अपने चहेतों को जगह दिलाकर अपना दबदबा प्रमाणित कर दिया हो, लेकिन उनकी मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं। उनके खिलाफ एक कांग्रेस नेता ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका लगाई है। याचिका में शहर की कीमती सरकारी जमीनों को सिंधिया द्वारा ट्रस्ट के माध्यम से कब्जाने का आरोप लगाया गया है।
सामाजिक कार्यकर्ता एवं कांग्रेस नेता ऋषभ भदौरिया ने गुरुवार को अपने वकील के माध्यम से एक जनहित याचिका मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में लगाई है। ऋषभ भदौरिया ने याचिका में कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ग्वालियर के सिंटी सेंटर इलाके में लगभग 22 सरकारी सर्वे की जमीनों को कांग्रेस के 15 महीने के शासन काल के दौरान कमलाराजे ट्रस्ट के नाम पर चढ़वा दिया है। याचिका में बताया गया कि महलगांव के हलका क्रमांक 61 ( सिटी सेंटर) के सर्वे नंबर 398, 302, 419, 420, 421, 1235, 1201, 1236, 1242, 401, 1243, 402, 403, 406, 415, 416, 418, 397, 417, 411, 612, और 413 जो मिसिल बंदोबस्त में 2018 में शासकीय भूमि में दर्ज थे। लेकिन मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार आने के दौरान अपने रसूख से ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 2018-19 में अपने और अपने ट्रस्ट के नाम पर चढ़वा दिया। खास बात ये है कि किसी भी भूमि के हस्तांतरण की एक निश्चित सरकारी प्रक्रिया होती है लेकिन इस मामले में तत्कालीन कलेक्टर अनुराग चौधरी ने शासकीय नियमों को नजरंदाज कर करोड़ों रुपये कीमत की शासकीय जमीने कमलाराजे ट्रस्ट के नाम कर दी। याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित कमलाराजे ट्रस्ट के पदाधिकारियों के साथ तत्कालीन कलेक्टर अनुराग चौधरी को पार्टी बनाया है। याचिकाकर्ता ने निवेदन किया है कि तत्कालीन कलेक्टर अनुराग चौधरी जो वर्तमान में भू अभिलेख कार्यालय ग्वालियर में अपर कमिश्नर पदस्थहैं उन्हें तत्काल यहाँ से हटाया जाए क्योंकि वे मामले को प्रभावित कर सकते हैं। बहरहाल इस जनहित याचिका पर सोमवार या मंगलवार को हो सकती है और याचिका में जिन सर्वे की भूमि की बात की गई है वो करोडों रुपये की है।