ग्वालियर। अतुल सक्सेना।
निजामुद्दीन मरकज में शामिल हुए जमातियों के अलग अलग शहरों में पहुँचने की खबरों के बीच मंगलवार को 11 जमाती शहर में होने की सूचना से प्रशासन के होश उड़ गए थे। लेकिन मालूम चला कि ये जमाती मंगलवार को नहीं आये बल्कि 23 फरवरी से शहर में रह रहे है। प्रशासन ने इन्हें क्वारेंटाइन के लिए जयारोग्य अस्पताल भेज दिया। उधर जिला प्रशासन ने उन मस्जिदों की भी खोज खबर शुरू कर दी है जहाँ ये लोग रुक थे।
निजामुद्दीन के तबलीगी जमात मरकज में शामिल हुए लोगों को चिंहित कर आइसोलेट किया जा रहा है। क्योंकि मरकज में शामिल बहुत से लोगों में कोरोना के लक्षण मिल रहे हैं। इसी कड़ी में मंगलवार को सूचना मिली कि कुछ लोग कम्पू थाना क्षेत्र में अवाडपुरा मस्जिद में ठहरे हैं सूचना के बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया। तत्काल कंपू थाना टी आई और जिला प्रशासन की टीम अवाडपुरा पहुंची और सभी 11 लोगों को वहां से वाहन में बैठाया और जयारोग्य अस्पताल पहुंचा दिया। ये कार्रवाई बहुत तेजी से की गई। प्रशासन को भय था कि यदि मरकज में शामिल कोई जमाती संकृमित हुआ तो मुश्किल हो जायेगी। लेकिन जब पूछताछ हुई तो मालूम चला कि ये लोग मंगलवार को नहीं आये बल्कि ये सभी 6 पुरुष और 5 महिलाएं 23 फरवरी से शहर में हैं ये फरीदाबाद से संपर्क क्रांति एक्सप्रेस से ग्वालियर आये थे। सभी लोग धर्म का प्रचार करने के लिए शहर की शंकरपुर, मेवाती मोहल्ला मस्जिदों और अन्य मुस्लिम बस्तियों में लोगों के घरों पर रुके। अभी कुछ दिनों से अवाडपुरा मस्जिद में रुके थे।
ऐसे हुआ इनके शहर में रुके होने का खुलासा
इस्लाम का प्रचार करने निकले ये सभी 11 जमाती 38 से शहर में थे लेकिन इसकी जानकारी केवल मस्जिदों में रहने वाले लोगों को ही थी। इस बीच कोरोना संक्रमण के चलते सरकारी आदेशों के बावजूद मस्जिदों में रहने वाले या मुस्लिम समुदाय के किसी भी जागरूक व्यक्ति ने ना तो इनकी जाँच कराई और ना ही प्रशासन को इनके रुके होने की सूचना दी। मंगलवार को इन लोगों ने लॉक डाउन के बीच अवाडपुरा में कुछ लोगों से दिल्ली जाने की परमिशन की बात की जिसके बाद मामला पुलिस से होता हुआ प्रशासन तक पहुँच गया और सभी को क्वारेंटाईन के लिए जयारोग्य अस्पताल भेज दिया गया और ये सभी इस शक के दायरे में आ गये कि ये लोग निजामुद्दीन मरकज में शामिल होकर आये हैं।
नायब तहसीलदार के मुताबिक तीन दिन पहले हो चुकी स्क्रीनिंग
मंगलवार को जिस तरह से पुलिस और प्रशासन की टीम ने 11 जमातियों को अवाडपुरा मस्जिद से उठाया उससे शहर में हड़कंप मच गया लेकिन यहाँ गौर करने वाली बात ये है कि जब मीडिया ने क्षेत्र की नायब तहसीलदार योगिता वाजपेयी से बात की तो उनका कहना था कि तीन दिन पहले इनकी स्क्रीनिंग हुई है। इन्हें होम क्वारेंटाईन में रखा था। अब आदेश मिलने के बाद सुरक्षा की दृष्टि से बाहरी व्यक्ति होने के कारण एक बार फिर सेम्पल लिए जा रहे है और जयारोग्य अस्पताल में क्वारेंटाईन के लिए भेज गया है। यानि प्रशासन को इनके बारे में जानकारी थी और यदि ऐसा था तो मंगलवार की रात अचानक प्रशासन पुलिस द्वारा इन सभी 11 जमातियों को उठाकर शहर को चिंता में डालना कहाँ तक उचित है। बहरहाल नायब तहसीलदार के मुताबिक सभी 11 जमातियों में प्रारंभिक तौर पर किसी तरह के संक्रमण के लक्षण नहीं मिले है।
मस्जिदों पर पुलिस ने जमाई नजर
ग्वालियर शहर में मुस्लिम आबादी बहुत है यहाँ हर क्षेत्र में मस्जिदें हैं और मुस्लिम बस्तियाँ है इसलिए यहाँ इस्लाम का प्रचार करने जमाती आते रहते हैं । ये 11 जमाती भी 23 फरवरी को इसीलिए आये थे लेकिन कोरोना के चलते वर्तमान हालात में किसी भी बाहरी व्यक्ति के रुकने की जानकारी प्रशासन और पुलिस को देना अनिवार्य है मगर इन लोगों के मामले में ऐसा नहीं किया गया। अब पुलिस और प्रशासन शहर में मस्जिदों सहित मुस्लिम बस्तियों में सर्चिंग कर रही है कि कहीं कोई जमाती या बाहरी व्यक्ति तो नहीं है और यदि है तो उसको समझाईश दी जाए और यदि कोई समस्या है तो उस तक उचित मदद पहुंचाई जाए। कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह और पुलिस अधीक्षक नवनीत भसीन बार बार दोहरा रहे हैं कि किसी भी समस्या के लिए प्रशासन से संपर्क किया जाए हैं हरदम मदद के लिए तैयार हैं।