दिग्विजय सिंह ने छोटे भाई लक्ष्मण सिंह के बयान को आपत्तिजनक कहा, बोले- अब्दुल्ला परिवार देश के प्रति समर्पित है

ग्वालियर में आयोजित संविधान बचाओ रैली के लिए बने मंच पर कार्यकर्ताओं और नेताओं की भीड़ देखने और सामने खाली कुर्सियां देखकर दिग्विजय सिंह नाराज हो गए उन्होंने कहा कि ये मंच पॉलिटिक्स बंद करें, मैं आज घोषणा करता हूँ कि आगे से मैं किसी मंच पर नहीं बैठूँगा, सामने नीचे बैठूँगा यदि मुझे बोलने के लिए बुलाया जायेगा तो मंच पर जाकर बोलूँगा और फिर वापस नीचे आ जाऊंगा।

Pahalgam Terrorist Attack: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह ने पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले को लेकर सुरक्षा एजेंसियों और सुरक्षा बलों की चूक पर सवाल खड़े किए हैं, उन्होंने सिंधु जल समझौते को रद्द करने पर भी सवाल  उठाये वहीं दिग्विजय सिंह ने छोटे भाई लक्ष्मण सिंह की उमर अब्दुला के लिए की गई टिप्पणी को आपत्तिजनक बताया।

संविधान बचाओ रैली में शामिल होने ग्वालियर पहुंचे राज्यसभा सांसद और पूर्व CM दिग्विजय सिंह ने जम्मू कश्मीर के
पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर सुरक्षा एजेंसियों और सुरक्षा बलों की चूक पर सवाल खड़े किए हैं, उन्होंने कहा इस कायराना हमले की जितनी निंदा की जाए कम है।

नागरिक होने के नाते मुझे ये जानने का अधिकार पहलगाम में चूक किससे हुई?

लेकिन सवाल ये है कि जिस जगह को मिनी स्विट्जरलैंड कहा जाता है जहाँ हजारो पर्यटक आते हैं वहां सुरक्षा का कोई इंतजाम क्यों नहीं था? ये किसकी जिम्मेदारी थी, जवाबदेही थी? उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए, दिग्विजय सिंह ने कहा देश का एक नागरिक होने के नाते क्या मुझे ये जानने का अधिकार नहीं है कि ये चूक किससे हुई? अमित शाह ने राज्यसभा में कहा था कि हमने कश्मीर से आतंकवाद ख़त्म कर दिया है तो फिर ये हमला क्या है?

सरकार की जिम्मेदारी, वो पाकिस्तान के खिलाफ जो एक्शन लेना चाहे ले

दिग्विजय सिंह ने कहा आज आतंकवाद के मुद्दे पर पूरा देश प्रधानमंत्री मोदी के साथ है, कश्मीर का मुसलमान, देश का मुसलमान  सरकार के साथ है तो अब ये सरकार की जिम्मेदारी है कि वो पाकिस्तान के खिलाफ जो एक्शन लेना चाहे ले उन्होंने पाकिस्तान की परमाणु हमले की धमकी को गीदड़ भभकी बताया।

पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि तोड़ने पर उठाये सवाल  

दिग्विजय सिंह ने पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान के साथ सिंधु जल समझौते को स्थगित करने पर भी सवाल खड़े किए हैं, उन्होंने कहा कि नदियों का प्रवाह प्राकृतिक प्रवाह है उसे कैसे रोकेंगे, इसके लिए बाँध बनाने होंगे जिसमें बहुत समय लगेगा, बहुत पैसा लगेगा, उन्होंने कहा यह जल संधि दोनों देशों के बीच काफी सोचने समझने के बाद जल के बंटवारे को लेकर तय हुई थी। इसलिए फिलहाल केंद्र सरकार की इस घोषणा पर अमल हो पाना असंभव है ।

अब्दुल्ला परिवार देश के लिए समर्पित, लक्ष्मण सिंह का बयान आपत्तिजनक  

छोटे भाई लक्ष्मण सिंह द्वारा जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को आतंकवादियों के साथ मिले होने का आरोप लगाने के सवाल पर दिग्विजय सिंह ने कहा मैं उनके बयान का घोर विरोध करता हूँ असहमति व्यक्त करता हूँ,  कश्मीर घाटी आज देश के साथ है तो ये पंडित जवाहर लाल नेहरु और शेख अब्दुला की दोस्ती और विश्वास की वजह से है, उन्होंने कहा फारुख अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला ये भारत के प्रति समर्पित है राहुल गांधी भी जो कुछ कहते हैं सोच समझकर कहते हैं इसलिए जो कुछ मीडिया में आया है और यदि वो लक्ष्मण सिंह ने कहा है तो उचित नहीं है ।

ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट 


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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