ग्वालियर, अतुल सक्सेना। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) को ग्वालियर जिला एवं सत्र न्यायालय से मानहानि से जुड़े एक मामले में जमानत मिल गई। उनके खिलाफ एडवोकेट अवधेश सिंह भदौरिया ने मानहानि का परिवाद प्रस्तुत किया था।
परिवाद में आरोप लगाया गया कि 2019 में दिग्विजय सिंह ने भिंड में आयोजित एक कार्यक्रम में आरएसएस और भाजपा पर बिना तथ्यों के अनर्गल टिप्पणी की थी, दिग्विजय सिंह ने कहा था कि ऐसे संगठन के लोग पैसे लेकर पाकिस्तान के लिए जासूसी (Digvijay Singh had accused BJP and RSS of spying for Pakistan) करते हैं।
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इसी मामले की सुनवाई के लिए आज शनिवार को दिग्विजय सिंह ग्वालियर पहुंचे। जिला कोर्ट ने सुनवाई के बाद उन्हें सशर्त जमानत दे दी। दिग्विजय सिंह ने मीडिया से बात कहा कि जो संस्था रजिस्टर्ड नहीं है, जिसकी मेम्बरशिप नहीं है , जिसका बैंक अकाउंट नहीं है उसकी मैंने कैसे मानहानि कर दी?
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दिग्विजय सिंह के वकील संजय शुक्ला ने कहा कि मानहानि का जो मामला है वो निराधार है तथ्यहीन है। उन्होंने कहा कि कोर्ट ने जमानत दे दी है , आगे की सुनवाई की तारीख कोर्ट तय करेगा। उधर परिवाद प्रस्तुत करने वाले एडवोकेट अवधेश भदौरिया की तरफ से पेश हुए उनके जूनियर वकील उमेन्द्र सिंह राजावत ने कहा कि दिग्विजय सिंह ने भाजपा और आरएसएस पर पाकिस्तान के लिए जासूसी का आरोप लगाया था जिस पर जमानती वारंट जारी हुआ था। आज उसे मामले में सुनवाई हुई। 10 हजार रुपये की सशर्त जमानत दी है। कोर्ट में अब ट्रायल चलेगी उसके बाद फैसला आएगा।