Gwalior News: जवाहर नवोदय विद्यालय के प्रशासन की प्रताड़ना से दिव्यांग बालक हुआ बीमार, पीड़ित के पिता ने स्टाफ पर लगाए गंभीर आरोप

पीड़ित के पिता ने विद्यालय के स्टाफ को लेकर कहा कि ऐसे कर्मचारी अगर विद्यालय में रहेंगे तो किसी भी व्यक्ति का बालक और बालिका इस शिक्षा के मंदिर में उच्च शिक्षा प्राप्त नहीं कर पाएंगे।

Shashank Baranwal
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Gwalior News: केन्द्र सरकार ने बच्चों के उज्जवल भविष्य को देखते हुए देश के विभिन्न जिलों में जवाहर नवोदय विद्यालय स्थापित किए थे। जहां परिसर में ही रहकर बच्चे पढ़-लिखकर अपना भविष्य बनाएंगे, जिसकी पूरी देख-रेख विद्यालय का समस्त स्टॉफ करेगा। लेकिन ग्वालियर जिले के पिछोर में स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय इन दिनों प्रताड़ना का केन्द्र बना हुआ है। दरअसल, इस विद्यालय में जिम्मेदार वरिष्ठ अधिकारियों के द्वारा समय-समय पर मॉनिटरिंग नहीं की जाती। जिसका लाभ वहां का स्टॉफ लेता है और बच्चों के साथ दुर्व्यवहार और उन्हें प्रताडित किया जाता है। इसके अलावा ना ही उनकी सही से देखरेख की जा रही है। ऐसा ही एक मामला हाल ही में कक्षा 9 के एक दिव्यांग छात्र के साथ देखने को मिला, जो 15 दिन तक लगातार बीमार रहा और विद्यालय की नर्स न जाने बच्चे को कैसी दवा देती रही, जिसके चलते विकलांग बालक की तबीयत लगातार बिगड़ती गई। वहीं जब बच्चे की हालत ज्यादा गंभीर हुई तब जाकर नवोदय विद्यालय के स्टाफ ने बालक के पिता को फोन लगाया।

दरअसल, सोबरन सिंह जाटव पुत्र राम जाटव 35 वर्ष ने मीडिया के कार्यालय में पहुंचकर बताया कि काउंसलर शिवानी श्रीवास्तव, लाइब्रेरियन मोहन लाल कोरी और नर्स प्रीति कोचे की शिकायत जवाहर नवोदय विद्यालय समिति नोएडा के प्रमुख कमिशनर, संयुक्त कमिशनर हेडक्वाटर नोएडा और क्षेत्रीय कार्यालय नवोदय विद्यालय भोपाल को अपने बेटे को जवाहर नवोदय विद्यालय की प्रताड़ना के संबंध में शिकायत दर्ज कराई है और गुहार लगाई है कि अगर ऐसा स्टॉफ विद्यालय में रहेगा तो बच्चों का भविष्य नहीं बनेगा क्योंकि हमारे देश में छोटी जातियों के बच्चों को भी शिक्षा पाने का अधिकार है मगर इन तीनों कर्मचारियो के द्वारा नितिन के साथ गलत दुर्व्यवहार किया गया है।

15 दिन बाद स्वास्थ्य की मिली जानकारी

पीड़ित सोबरन सिंह जाटव ने बताया कि काउंसलर, लाइब्रेरियन और नर्स ने मेरे बेटे नितिन को इतना प्रताड़ित किया कि भय के कारण वह बीमार हो गया और 15 दिन तक बेटे के स्वास्थ्य को लेकर किसी प्रकार की जानकारी साझा नहीं की गई। जब बेटे का स्वास्थय हद से ज्यादा गिरा तो सोवरन को मोबाइल पर जानकारी दी। जब सोवरन विद्यालय पहुंचा तो इन तीनों कर्मचारियों ने सोवरन को आड़े हाथों लेकर इतना भयभीत प्रताड़ित कर दिया और यहां तक कह दिया तुम्हारे खिलाफ पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई जाएगी।

आईजी और डीआईजी से शिकायत करने की कही बात

सोबरन ने मीडिया कर्मियों को बताया कि मेहनत मजदूरी करके मैं बच्चों का भविष्य बनाना चाहता हूं। मुझे उम्मीद नहीं थी कि जवाहर नवोदय विद्यालय के स्टॉफ के द्वारा मेरे बेटे के साथ इस प्रकार का व्यवहार किया जाएगा। सोवरन ने बताया कि तीनों कर्मचारियों की शिकायत ग्वालियर पुलिस अधीक्षक ग्वालियर जोन के आईजी और डीआईजी से भी करूंगा।

पीड़ित के पिता ने विद्यालय प्रशासन पर लगाए आरोप

पीड़ित के पिता ने बताया कि जब नवोदय विद्यालय बालक के साथ पहुंचा तो लाइब्रेरियन और नर्स तथा काउंसलर ने इस प्रकार का व्यवहार किया कि कोई अपने दुश्मन से भी नहीं करेगा। ऐसे कर्मचारी अगर विद्यालय में रहेंगे तो किसी भी व्यक्ति का बालक और बालिका इस शिक्षा के मंदिर में उच्च शिक्षा प्राप्त नहीं कर पाएंगे। इसके अलावा उन्होंने यह भी बताया कि काउंसलर, लाइब्रेरियन और नर्स ने यहां तक कहां कि तेरे बेटे को हम लोग अनफिट करके इस विद्यालय से निकालेंगे जिससे तेरे बेटे का किसी भी स्कूल में एडमिशन नहीं होगा।

जांच के बाद की जाएगी कार्रवाई

वहीं जब इस पूरे मामले में की जानकारी डिप्टी कमिश्नर मृदुल त्रिपाठी क्षेत्र कार्यालय भोपाल को फोन पर दी गई तो उन्होंने कहा कि ऐसा कोई मामला उनके संज्ञान में नहीं है मामले की जानकारी लेकर जांच की कार्रवाई की जाएगी।

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डबरा से अरूण रजक की रिपोर्ट


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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है–खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालोमैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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