ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ शहर की बेशकीमती जमीनों को अपने ट्रस्ट के नाम करने की याचिका लगाने वाले कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता ऋषभ भदौरिया के खिलाफ ग्वालियर जिला प्रशासन ने जिला बदर करने का कारण बताओ नोटिस जारी किया है। प्रशासन ने ये नोटिस उनके घर पर चस्पा किया है। नोटिस में प्रशासन ने भदौरिया के खिलाफ 16 गंभीर अपराधों का जिक्र करते हुए उनके खिलाफ जिला बदर की कार्रवाई की बात कही है। उधर प्रदेश प्रवक्ता ऋषभ भदौरिया ने प्रशासन की कार्रवाई को गलत और सिंधिया के इशारे पर की गई कार्रवाई बताया है।
भाजपा के राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ पिछले दिनों शहर के 21 सर्वे नंबरों की करीब 500 करोड़ रुपये की सरकारी जमीन गलत तरीके से अपने ट्रस्ट के नाम कराने का आरोप लगाकर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर चर्चा में आये कांग्रेस नेता ऋषभ भदौरिया को कांग्रेस ने दो दिन पहले 8 अगस्त को प्रदेश प्रवक्ता बनाया है। माना जा रहा है कि ये पद श्री भदौरिया को इनाम स्वरूप मिला है। उधर जिला प्रशासन ने भदौरिया की नियुक्ति के एक दिन बाद 10 अगस्त को उनके खिलाफ जिला बदर की कार्रवाई का कारण बताओ नोटिस जारी किया और 11 अगस्त को उनके घरके बाहर चस्पा कर दिया। नोटिस में कहा गया कि आपके खिलाफ हत्या, हत्या ले प्रयास, मारपीट, झगड़े, बलवा, जान से मारने की धमकी, हरिजन अत्याचार, अवैध हथियार रखने जैसे कई अपराधी पुलिस थानों में दर्ज हैं। आपके विरुद्ध प्रतिबंधात्मक आदेश सहित करीब 16 अपराध दर्ज हैं। लोग आपसे डरते हैं इसलिए खुले न्यायालय में आपके विरुद्ध बोल नहीं पाते। नोटिस में कहा गया कि आप को कई बार गिरफ्तार कर जेल भी भेजा गया लेकिन छूटकर आप फिर अपराध करने लगते गैं इसलिए आपको जिला बदर करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचता।
नोटिस चस्पा होने की बात स्वीकार करते हुए प्रदेश प्रवक्ता ऋषभ भदौरिया ने एमपी ब्रेकिंग न्यूज़ से कहा कि जिला प्रशासन ने ये नोटिस ज्योतिरादित्य सिंधिया के इशारे पर बदले की भावना जारी किया है। उन्होंने कहा कि नोटिस में जिन 16 मामलों उल्लेख किया गया है उसमेंसे सिर्फ दो जो छोड़कर शेष 14 में मैं बरी हो चुका हूँ। चूंकि मुझे सिंधिया के खिलाफ दायर मेरी याचिका में 13 अगस्त को कोर्ट में जवाब देना है इसलिए मुझे डराने की कोशिश की जा रही है लेकिन मैं डरने वाला नहीं हूँ। जब हम अंग्रेजों से नहीं डरे तो ज्योतिरादित्य सिंधिया से क्या डरेंगे। ऋषभ ने बताया कि इस नोटिस का जवाब भी मुझसे 13 अगस्त को ही तलब किया है जिस दिन मुझे हाईकोर्ट में जवाब देना है। लेकिन मैं दोनों जगह जवाब दूंगा। भदौरिया ने कहा कि 2 अप्रैल 2018 को एट्रोसिटी एक्ट को लेकर हुए आंदोलन में मुझे गलत तरीके गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था सिर्फ वही अपराध हैं लेकिन प्रशासन मुझे अपराधी बताकर मेरी छवि खराब कर रहा है। उन्होंने कहा कि जब से मैंने सिंधिया के खिलाफ कोर्ट में याचिका लगाई है तभी से सिंधिया समर्थक मुझे जान से मारने की धमकी दे रहे हैं और याचिका वापस लेने की चेतावनी दे रहे हैं। मैं आज इसकी शिकायत करने एसपी साहब और कलेक्टर साहब के पास गया था उन्हें वहाँ आवेदन देकर आया था और जब लौटकर आया तो मेरे घर पर नोटिस चस्पा मिला, जो पूरी तरह गलत है।