डॉ गोविंद सिंह बोले, ये व्यापमं के बाद दूसरा बड़ा घोटाला, मंत्री, अफसर और दलाल की बताई सांठ-गांठ, अमित शाह से की बड़ी मांग

डॉ गोविंद सिंह ने कहा इसका सूत्रधार एक सिपाही नहीं हो सकता, इसमें मंत्री, अफसर और सरकार के दलाल शामिल है ये उन्ही की संपत्तियां है, डॉ गोविंद सिंह ने कहा यहाँ ईडी क्यों नहीं जाती उसे विपक्ष के नेता ही क्यों दिखाई देते हैं?

Atul Saxena
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Gwalior News : परिवहन विभाग में कुछ साल नौकरी करने के बाद कंस्ट्रक्शन लाइन में आये सौरभ शर्मा से मिली करोड़ों रुपये की सम्पत्ति को कांग्रेस उसका नहीं बता रही है, कांग्रेस का कहना है कि बिना सरकारी संरक्षण के एक पूर्व सिपाही करोड़ों रुपये कैसे जुटा सकता है? उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह से इस मामले को लेकर बड़ी मांग की है।

पूर्व नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह ने हाल ही में परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक के पास से बरामद करोड़ों रुपये सोना और कैश को एक बड़ा घोटाला बताया है उन्होंने कहा मध्य प्रदेश के इतिहास में व्यापम के बाद ये दूसरा बड़ा घोटाला है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा  ये आज का नहीं है ये तो पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एक समय से चला आ रहा है।

गृह मंत्री अमित शाह से की ये मांग 

डॉ गोविंद सिंह ने कहा इसका सूत्रधार एक सिपाही नहीं हो सकता, इसमें मंत्री, अफसर और सरकार के दलाल शामिल है ये उन्ही की संपत्तियां है, डॉ गोविंद सिंह ने कहा यहाँ ईडी क्यों नहीं जाती उसे विपक्ष के नेता ही क्यों दिखाई देते हैं? गृह मंत्री अमित शाह से मांग करते हुए उन्होंने कहा कि वे जब्त डायरियों में जिनके नाम है उनकी जाँच के आदेश ईडी को दे या फिर इस मामले की जाँच सुप्रीम कोर्ट या फिर हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज से कराई जाये तभी सच बाहर आयेगा।

जीतू पटवारी ने कही है हाई कोर्ट जाने की बात 

गौरतलब है कि प्रदेश कांग्रेस इस मुद्दे पर भाजपा सरकार पर हमलावर है, प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने परिवहन विभाग के 20 साल के कार्यकाल की जाँच की मांग की है और कहा है कि वे इसके लिए हाई कोर्ट में याचिका लगायेंगे, उन्होंने शनिवार को मीडिया से बात करते हुए भाजपा सरकार के दो पूर्व परिवहन मंत्रियों पर भी गंभीर आरोप लगाये और साथ ही सौरभ शर्मा को सुरक्षा देने की भी मांग की है।

ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट 


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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