जीवाजी विश्वविद्यालय में नए कुलगुरु के पदभार ग्रहण किया, NSUI ने कुर्सी को गंगाजल धोने का प्रयास किया, तीखी बहस और हंगामा

कुलगुरु डॉ राजकुमार आचार्य नाराज होने लगे, उन्होंने कहा मैं बहुत आत्मीयता से कह रहा हूँ ये सब मत कीजिये यदि हम क़ानूनी कार्यवाही करेंगे तो आपको नुकसान होगा इस तरह मर्यादाओं को मत लांघिये।

Atul Saxena
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NSUI ruckus in Jiwaji University: जीवाजी विश्वविद्यालय में आज नए कुलगुरु डॉ राजकुमार आचार्य ने  पदभार ग्रहण कर लिए लेकिन पहले ही दिन उनके सामने एनएसयूआई ने हंगामा कर दिया, पदभार ग्रहण करने के दौरान ही  NSUI के कुछ पदाधिकारी और कार्यकर्ता कुलगुरु के चेंबर में घुस गए और कुलगुरु की कुर्सी को गंगाजल से धोने का प्रयास किया, छात्रों की इस हरकत पर कुलगुरु नाराज हो गए दोनों पक्षों में बहस होने लगी इस दौरान कुलगुरु ने छात्र नेताओं को नसीहत दी और चेतावनी भी दी, बाद में एनएसयूआई नेता शुभकामनायें देकर वहां से चले गए।

मध्य प्रदेश के राज्यपाल और कुलाधिपति मंगुभाई पटेल ने कल मंगलवार को एक आदेश जारी कर भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे जीवाजी विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रोफ़ेसर अविनाश तिवारी को बर्खास्त कर पद से हटा दिया था और धारा 52 लागू कर दी थी, कुलाधिपति नेअवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय रीवा के पूर्व कुलगुरु और महात्मा गांधी स्नातकोत्तर महाविद्यालय करेली जिला नरसिंहपुर के प्राचार्य डॉ राजकुमार आचार्य को नया कुलगुरु नियुक्त कर दिया था।

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डॉ राजकुमार आचार्य ने जेयू के कुलगुरु का पदभार ग्रहण किया 

राजभवन से मिले आदेश के बाद डॉ राजकुमार आचार्य ने आज बुधवार को ही ग्वालियर पहुंचकर जीवाजी विश्व विद्यालय के कुलगुरु की जिम्मेदारी संभाल ली, लेकिन जब वे पदभार ग्रहण कर रहे थे उसी दौरान एनएसयूआई के पदाधिकारी और कार्यकर्ता वहां पहुंच गए, उन्होंने कहा पिछले कुलगुरु के भ्रष्टाचार के कारण ये कुर्सी अपवित्र हो गई है इसलिए हम इसे गंगाजल से धोने आये हैं।

NSUI ने कुलगुरु की कुर्सी को गंगाजल से पवित्र करने का किया प्रयास  

NSUI नेताओं के इस एक्शन को कुलगुरु  डॉ राजकुमार आचार्य ने अनुचित बताया और कहा कुर्सी कभी अपवित्र नहीं होती अपवित्र व्यक्ति होता है आगे आपको अवसर आयेगा आकलन कीजिये यदि आपको लगता है कि व्यक्ति अपवित्र है जितनी ताकत है विरोध कीजिये मैं भी आपके साथ खड़ा रहूँगा लेकिन ये सब नहीं कीजिये, लेकिन जब कुलगुरु ये कह रहे थे तभी पदाधिकारी ने टेबल पर गंगाजल डाल दिया।

कुलगुरु ने NSUI को नसीहत भी दी चेतावनी भी  

NSUI पदाधिकारी की इस हरकत को देखकर कुलगुरु डॉ राजकुमार आचार्य नाराज होने लगे, उन्होंने कहा मैं बहुत आत्मीयता से कह रहा हूँ ये सब मत कीजिये यदि हम क़ानूनी कार्यवाही करेंगे तो आपको नुकसान होगा इस तरह मर्यादाओं को मत लांघिये, ये सब देखकर वहां मौजूद गार्ड ने छात्र नेता के हाथ से गंगाजल वाला लोटा ले लिया।

वहां मौजूद अन्य पदाधिकारियों ने भी उस नेता को समझाया और कहा कि हम तो यहाँ शुद्धिकरण के लिए आये थे आपको शुभकामनायें देने और मिठाई खिलाने आये है, उसके बाद सभी ने मिठाई खाई, कुछ पदाधिकारियों ने कुलगुरु से कुछ चर्चा करने का प्रयास किया तो उन्होंने कहा आज नहीं फी र्कभी इसके बाद NSUI ने नेता वहां से चले गए।

ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट 


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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