ग्वालियर जिला अस्पताल का वीडियो वायरल, “दवा नहीं दारू वाले डॉक्टर”

Gwalior News :  ग्वालियर में एक सरकारी डॉक्टर का शराब पीकर अस्पताल कैम्पस में हंगामा करते वीडियो वायरल हो रहा है, हंगामा कर रहे डॉक्टर का नाम डॉ वीके बाथम है, वे अस्पताल में क्षय रोग विशेषज्ञ के पद पर पदस्थ हैं, पूरी तरह से शराब के नशे में चूर डॉ बाथम ने अस्पताल में हंगामा किया, गार्ड  के साथ मारपीट की, दो बोंडेड डॉक्टर्स के साथ भी अभद्रता की, डॉक्टर की हरकत का किसी ने वहां मौजूद स्टाफ ने वीडियो बना दिया और वायरल कर दिया।

ग्वालियर के जिला चिकित्सालय मुरार में आज दिन के समय उस वक्त हंगामा हो गया जब वहां पदस्थ डॉ विनोद कुमार यानि डॉ वीके बाथम शराब के नशे में चूर होकर पहुँच गए, उन्होंने वहां हंगामा शुरू कर दिया, जब उन्हें सिक्युरिटी गार्ड,  स्टाफ और अन्य जूनियर स्टाफ ने रोकने की कोशिश की तो वे उनके साथ मारपीट करने लगे।

बताया जा रहा है कि डॉ बाथम की ड्यूटी 2 बजे तक थी वे अपनी ड्यूटी कर अस्पताल से चले गए फिर करीब 3 बजे के आसपास शराब के नशे में चूर होकर अस्पताल में पहुँच गए, उन्हें नशे की हालत में देखकर स्टाफ ने उन्हें रोका तो वे भड़क गए उन्होंने मारपीट शुरू कर दी।

शराब के नशे में टल्ली डॉ बाथम ने कैम्पस में मौजूद दो बोंडेड डॉक्टर डॉ नितिन तिवारी और डॉ अमन तिवारी के साथ मारपीट कर दी उनकी कार के शीशे तोड़ दिए, डॉक्टर बाथम ने गार्ड के साथ भी मारपीट की, जब वहां मौजूद कुछ लोगों ने इसका विरोध किया तो वे और भड़क गए।

डॉ बाथम की इस हरकत को वहां मौजूद स्टाफ के लोगों में से किसी ने अपने मोबाइल में कैद कर लिया और वायरल कर दिया, इस पूरे मामले पर जिला अस्पताल के आरएमओ डॉ आलोक पुरोहित का कहना है कि डॉ बाथम अपनी ड्यूटी पूरी कर चले गये थे फिर वे वापस आ गए, उनकी हालत शराब के नशे में दिख रही थी, मुझे हंगामे की सूचना मिली तो मैं पहुंचा,  सिविल सर्जन डॉ आरके शर्मा भी वहां आ गये थे, हम लोगों ने डॉ बाथम को कैम्पस के बाहर निकाल दिया।

डॉ पुरोहित ने कहा कि स्टाफ का कहना है कि डॉ बाथम ने उनके साथ मारपीट की है, पूरे घटनाक्रम से वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है, अब वे ही इस मामले में कोई एक्शन लेंगे। बहरहाल धरती पर जिसे भगवान् का दर्जा दिया जाता है उसका ऐसा व्यवहार निश्चित ही शर्मसार करने वाला और बेहूदा है, अब देखते हैं इस दारू वाले डॉक्टर के खिलाफ प्रशासन और सरकार क्या एक्शन लेते हैं।

ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट 


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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