ग्वालियर, अतुल सक्सेना। दहेज प्रताड़ना के मामले में कार्रवाई न करने और देशभर में पुलिस की किरकिरी कराने की गाज डबरा के टीआई पर गिरी है। एसपी अमित सांघी ने उन्हें प्रथम दृष्टया दोषी पाते हुए टीआई के पद से हटाकर लाइन अटैच कर दिया है। एमपी ब्रेकिंग न्यूज से बात करते हुए एसपी ने बताया कि टीआई को लाइन अटैच करने के साथ ही एक एएसआई को सस्पेंड कर लाइन अटैच कर दिया गया है।
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को मंगलवार को एक ट्वीट किया था और इस ट्वीट में एसिड पीने के कारण जीवन मौत से संघर्ष कर रही एक महिला का फोटो टैग किया था। ग्वालियर जिले के डबरा की रहने वाली इस महिला को दहेज के लिए प्रताड़ित किया गया और मारने के उद्देश्य से उसके पति ने उसे एसिड पिला दिया। लेकिन इस पूरे मामले में केवल दहेज प्रताड़ना का मामला डबरा टीआई विनायक शुक्ला ने दर्ज किया और उसके बाद कार्रवाई को ठंडे बस्ते में डाल दिया। महिला फिलहाल दिल्ली के एक अस्पताल में अपनी जिंदगी की लड़ाई लड़ रही है। स्वाति मालीवाल ने उस महिला की हालत को लेकर और पुलिस के रवैया पर सवालिया निशान खड़े किए थे। जैसे यह मामला ग्वालियर जिले के पुलिस अधीक्षक अमित सांघी के जानकारी में आया, इसके बाद डबरा टीआई विनायक शुक्ला को लाइन अटैच कर दिया गया है और एक एएसआई को एसपी ने सस्पेंड और लाइन अटैच कर दिया है। साथ ही पूरे मामले की निष्पक्ष जांच करने की बात कही है। इसके साथ ही पूरे मामले में एसपी ने आरोपियों के खिलाफ धारा 307 दर्ज कराने के आदेश भी दिए हैं।
क्या है मामला
पुलिस की किरकिरी कराने वाला यह मामला डबरा के रामगढ़ मोहल्ले का है जहां 28 जून को एक महिला को उसके पति वीरेंद्र ने जान से मारने के मकसद से एसिड पिला दिया। महिला गंभीर हो गई और उसे तत्काल ग्वालियर व उसके बाद दिल्ली एडमिट कराया गया। तब से लेकर अब तक महिला का इलाज जारी है। घटना के 5 दिन बीतने के बाद पुलिस ने केवल दहेज एक्ट का मामला दर्ज किया लेकिन महिला के अंगों की व्यापक क्षति के बावजूद ना तो कोई बड़ी धारा लगाई ना आरोपियों को गिरफ्तार किया। महिला आयोग की चेयरपर्सन के ट्वीट के बाद यह मामला पुलिस अधीक्षक अमित सांघी की जानकारी में आया और उन्होंने तुरंत आरोपियों के खिलाफ गंभीर कार्रवाई करने के निर्देश दिए।