ग्वालियर, अतुल सक्सेना। मध्य प्रदेश (MP News) में बिजली की दरों (Electricity Rate) में की गई वृद्धि के बाद सरकार विपक्ष के निशाने पर है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, शिवराज सरकार (Shivraj Government) पर हमलावर हैं। लेकिन शिवराज सरकार के ऊर्जा मंत्री ने बढ़ी हुई दरों पर सफाई दी है। ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर (Energy Minister Pradyuman Singh Tomar) ने कहा है कि विद्युत नियामक आयोग ने वितरण कम्पनियों द्वारा मांगी गई 8.7 प्रतिशत वृद्धि के विरुद्ध मात्र 2.64 प्रतिशत की औसत दर वृद्धि की है।
ग्रीन एनर्जी टैरिफ
ऊर्जा मंत्री ने बताया कि ऐसे उपभोक्ता जो पर्यावरण के प्रति जागरूक हैं और केवल रिन्युएवल एनर्जी से ही बिजली जलाना चाहते हैं, वह 1.13 रुपये प्रति यूनिट का अतिरिक्त भुगतान कर ग्रीन एनर्जी से बिजली उपयोग कर सकते हैं। उनके लिये पहली बार ग्रीन एनर्जी टैरिफ लागू किया गया है। निम्न दाब औद्योगिक श्रेणी के उपभोक्ता, रेलवे ट्रेक्शन, ई-व्हीकल चार्जिंग स्टेशन एवं एलवी 2.2 (गैर घरेलू) श्रेणी की दरों में कोई वृद्धि नहीं की गई है। उपभोक्ताओं को मीटर रेंट अथवा मीटरिंग चार्ज नहीं लगेगा।
जारी रहेगी अटल गृह ज्योति योजना
नई व्यवस्थाओं की जानकारी देते हुए ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने बताया कि घरेलू उपभोक्ताओं को ऑनलाइन बिल भुगतान के लिये दिये जाने वाली 0.5 प्रतिशत की छूट में अधिकतम सीमा को समाप्त कर दिया गया है। अभी अधिकतम 20 रुपये तक की छूट दी जाती थी। उच्च दाब उपभोक्ताओं को पूर्व वर्ष में दी जा रही छूट एवं प्रोत्साहन को लागू रखा गया है। घरेलू उपभोक्ताओं के 100 यूनिट तक के बिल पर 23 रुपये बढ़ाये गये हैं, किन्तु उपभोक्ता को अटल गृह ज्योति योजना में पूर्ववत 100 रुपये ही देना है। बढ़ी हुई राशि राज्य सरकार द्वारा दी जायेगी।
निम्न दाब उपभोक्ता के बिल में बहुत कम वृद्धि
ऊर्जा मंत्री ने बताया कि निम्न दाब उपभोक्ताओं के बिल में मात्र 5 पैसे से लेकर 12 पैसे तक की ही वृद्धि की गई है। अगली तिमाही अप्रैल से जून के लिये एफसीए में एक पैसे प्रति यूनिट की कमी समस्त उपभोक्ताओं के लिये की गई है। एफसीए की मौजूदा दर 7 पैसा प्रति यूनिट थी, जो घटाकर 6 पैसा प्रति यूनिट कर दी गई है।
इस वित्त वर्ष में 22,500 करोड़ की सब्सिडी
ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा कि सरकार वर्ष 2022-23 में 22 हजार 500 करोड़ रुपये की सब्सिडी बिजली उपभोक्ताओं को देगी। साथ ही कृषि उपभोक्ताओं के बिजली बिल का 93 प्रतिशत सरकार भुगतान करेगी। उन्होंने बताया कि कोरोना के कारण आस्थगित बिजली बिलों का भुगतान भी सरकार करेगी। यह राशि 6400 करोड़ रुपये है।