जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर से सम्बद्ध 200 कॉलेजों की होगी जाँच, हाई कोर्ट ने EOW को दिए निर्देश

हाई कोर्ट ने कहा जाँच के दौरान यदि किसी कॉलेज में फर्जीवाड़ा मिलता है, गलत तरीके से सम्बद्धता लेना दिखता है तो तुरंत संबधित कॉलेज संचालक और विश्वविद्यालय के अधिकारी पर एफआईआर दर्ज करें ।

Atul Saxena
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EOW investigate 200 colleges affiliated to JU Gwalior: पिछले दिनों एक शिकायत के बाद जाँच में सामने आये जीवाजी विश्वविद्यालय के कॉलेज सम्बद्धता घोटाले के बाद अब सम्बद्धता प्रपात सभी कॉलेजों की जाँच होगी, हाई कोर्ट ने एक याचिका की सुनवाई करते हुए ईओडब्ल्यू को जाँच के निर्देश दिए हैं।

अपनीकारगुजारियों को लेकर हमेशा चर्चा में बने रहने वाला ग्वालियर का जीवाजी विश्वविद्यालय इस बार कॉलेजों को दी जाने वाली सम्बद्धता में किये गए फर्जीवाड़े और भ्रष्टाचार को लेकर सुर्ख़ियों में है, जीवाजी विश्वविद्यालय से सम्बद्धता प्राप्त मुरैना जिले के फर्जी झुण्डपुरा कॉलेज का खुलासा होने के बाद से सभी कॉलेज शक के दायरे में हैं।

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EOW ने दर्ज की है JU के 18 प्रोफेसर्स पर FIR 

दर असल झुण्डपुरा के शिव शक्ति कॉलेज के फर्जीवाड़े की शिकायत मानसेवी शिक्षक अरुण शर्मा ने ईओडब्ल्यू ग्वालियर में की थी जिसकी जाँच के बाद ईओडब्ल्यू ने कुलगुरु अविनाश तिवारी सहित 17 प्रोफेसर्स पर एफआईआर दर्ज की है, मामले की गंभीरता को देखते हुए कुलाधिपति राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने अविनाश तिवारी को बर्खास्त कर विश्व विद्यालय में धारा 52 लगा दी है।

झुण्डपुरा कॉलेज की जाँच से सामने आया फर्जीवाड़ा

उधर 14 साल से कागजों में चल रहे झुण्डपुरा के शिव शक्ति कॉलेज को लेकर  डॉ अरुण शर्मा ने ग्वालियर हाईकोर्ट में भी याचिका दायर की है, जिसकी सुनवाई आज हुई, अरुण शर्मा के वकील अवधेश भदौरिया ने बताया कि हाई कोर्ट ने ई ओ डब्ल्यू को निर्देश दिए हैं कि वो सिर्फ झुण्डपुरा के शिव शक्ति कॉलेज की ही नहीं जीवाजी विश्व विद्यालय से सम्बद्धता प्राप्त सभी 200 प्राइवेट कॉलेजों की जाँच करे।

गड़बड़ी करने वालों पर FIR करने के निर्देश कोर्ट ने दिए 

हाई कोर्ट ने कहा जाँच के दौरान यदि किसी कॉलेज में फर्जीवाड़ा मिलता है, गलत तरीके से सम्बद्धता लेना दिखता है तो तुरंत संबधित कॉलेज संचालक और विश्वविद्यालय के अधिकारी पर एफआईआर दर्ज करें और गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट पेश करें।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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