ग्वालियर।अतुल सक्सेना।
ठगी करने वाले बदमाश रोज अलग अलग तरीके अपनाते हैं लेकिन इस बार ठगी का जो नया तरीका सामने आया है उसने होश उड़ा दिये हैं। ठगों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के फर्जी साइन कर नोटशीट बनाई और एक डॉक्टर को आयुर्विज्ञान केंद्र में रजिस्ट्रार बना दिया। 10 लाख रुपये की ठगी के मामले का खुलासा तब हुआ जब रजिस्ट्रार बने डॉक्टर सीएम हाउस पहुंचे। भोपाल पुलिस ने ग्वालियर और भोपाल से दो आरोपी पकड़ लिए हैं जबकि तीसरा साथी फरार है।
भोपाल क्राइम ब्रांच से मिली जानकारी के अनुसार ग्वालियर और भोपाल के जालसाजों ने मिलकर इस ठगी को अंजाम दिया। एडिशनल एसपी क्राइम भोपाल निश्चल झारिया के मुताबिक भोपाल के शासकीय होम्योपैथिक कॉलेज में सहायक प्राध्यापक डॉ हरिसिंह चौरसिया की ग्वालियर निवासी इंद्रजीत जाटव से पहचान थी। चार महीने पहले जब वे इंद्रजीत से मिले तो उसने कहा कि अब तो अपने शिवराज सीएम बन गए हैं आपको जबलपुर आयुर्विज्ञान केंद्र में रजिस्ट्रार बनवा देते हैं। डॉ चौरसिया इंद्रजीके झांसे में आ गए। दोनों के बीच 10 लाख रुपये का सौदा हुआ। इस बीच दोनों के बीच फोन पर बात होती रही। 16 मई को इंद्रजीत ने डॉ चौरसिया को व्हाट्स एप पर सीएम के नाम से हरे कागज पर एक नोटशीट भेजी इसमें सीएम के साइन और सील भी थी। करीब दो दिन पहले जब डॉ चौरसिया नोटशीट की कॉपी लेकर सीएम हाउस पहुंचे तो मालूम चला की ये तो नकली है। इसे बाद उन्होंने पुलिस ने शिकायत की। जिसकी जाँच क्राइम ब्रांच ने की। पुलिस ने जालसाजी करने वाले दो आरोपी ग्वालियर निवासी इंद्रजीत और भोपाल निवासी सौरभ मौर्या को गिरफ्तार कर लिया जबकि इनका तीसरा साथी ग्वालियर निवासी शैलेंद्र भदौरिया अभी फरार है।
ऐसे बनाई फर्जी नोटशीट
एडिशनल एसपी झारिया के मुताबिक डॉ चौरसिया से 10 लाख की डील होने के बाद इंद्रजीत ने डॉ चौरसिया को रजिस्ट्रार बनाने की जिम्मेदारी ग्वालियर निवासी शैलेंद्र भदौरिया को दी। शैलेंद्र ने भोपाल निवासी सौरभ मौर्या के कंस्ट्रक्शन के ऑफिस में बैठकर कंप्यूटर से नकली नोटशीट तैयार की । सौरभ ने ही इंटरनेट से सीएम शिवराज के साइन निकालकर उसपर चस्पा किये थे। डॉ चौरसिया से सौदे की रकम तीनों में बराबर बंटनी थी। लेकिन पुलिस का कहना है कि डॉ चौरसिया 10लाख रुपये दे पाते उससे पहले ही मामले का खुलासा हो गया और दो आरोपी गिरफ्तार कर लिए गए। पुलिस का कहना है कि तीसरा आरोपी भी जल्दी गिरफ्तार कर लिया जायेगा। पुलिस ने ग्वालियर में शैलेंद्र के ठिकानों पर दबिश दी लेकिन वो फिलहाल पकड़ा नहीं जा सका है।