अखाड़े में दुश्मन को चित्त करने वाली महिला पहलवान रानी राणा ससुरालियों की चाल की शिकार, पुलिस में दर्ज कराई शिकायत

Gwalior News : अपनी प्रतिभा के दम पर अखाड़े में दुश्मन की चित्त कर देने वाली एक नेशनल महिला पहलवान इन दिनों अपने पति, सास और ससुर की चाल से परेशान है, सुलह की कोशिशें नाकाम होने के बाद महिला रेसलर पुलिस के पास पहुंची और उसने पति, सास और ससुर के खिलाफ दहेज़ प्रताड़ना का मामला दर्ज कराया है, पुलिस ने मामला जाँच में ले लिया है।

महिला पहलवान रानी राणा ने दर्ज कराया दहेज़ प्रताड़ना का केस 

देश के लिए कुश्ती के अखाड़े में कई गोल्ड, सिल्वर और ब्रोंज मैडल जीतने वाली इंटरनेश्नल रेसलर रानी राणा अपने ही घर के अखाड़े में परिवार की चाल से परेशान है, वो बहुत प्रयास के बाद भी ससुरालियों को चाल को मात नहीं दे पाई, रानी राणा ने आखिरकार पुलिस की शरण ली और मुरार थाने में पति सास और ससुर के खिलाफ दहेज़ प्रताड़ना का केस दर्ज करा दिया।

खेल को लेकर भी परेशान करने के लगाये आरोप 

सुरिया पुरा मुरार में रहने वाली रेसलर रानी राणा ने शिकायत में ससुराल वालों पर दहेज़ प्रताड़ना के अलावा उसके खेल को लेकर भी गंभीर आरोप लगाये, रानी ने कहा कि उसके पति, सास और ससुर को उसके प्रेक्टिस पर जाने पर आपत्ति है, वो प्रतियोगिताएं में हिस्सा लेने से रोकते हैं।

पुलिस ने की अपील ऐसे खिलाड़ियों को दें सम्मान और मौके 

रानी ने तीन दिन पहले शिकायती आवेदन दिया, पुलिस ने परिजनों को बुलाकर काउंसलिंग भी कराई लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला जिसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया, एडिशनल एसपी ऋषिकेश मीणा ने प्रकरण दर्ज होने बाद समाज से अपील की कि जो खिलाड़ी हमारे शहर, प्रदश और देश का नाम रोशन करते है हमें उनका साथ देना चाहिए और ये तो महिला खिलाड़ी है, उनके परिजनों और समाज के बुद्धिजीवियों को ऐसे मामलों में आगे आना चाहिए और ऐसी मानसिकता वाले लोगों को सही राह दिखाना चाहिए।

अब तक कई मैडल जीत चुकी है रानी राणा 

आपको बता दें कि यानी राणा मध्य प्रदेश के लिए गोल्ड मैडल जीत चुकी है, अंतर राष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश का प्रतिनिधित्व कर चुकी है वो ऐसाकरने वाली ग्वालियर की पहली महिला पहलवान है, उसके खाते में कई गोल्ड, सिल्वर और ब्रोंज मैडल है जो उसने 2016 से 2020 में हुई जूनियर और सीनियर वर्ग की कुश्ती प्रतियोगिताएं में जीते हैं।

ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट 


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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