चंद्रयान- 3 की सफलता पर ग्वालियर में उत्सव का माहौल, ठेले वाले ने फ्री में खिलाई पानी पूरी, इसरो के वैज्ञानिकों को दी बधाई

Chandrayaan 3 mission successful : चंद्रयान -3 की सफलता के बाद देश में ख़ुशी का माहौल है, लोग एक दूसरे को मिठाई खिला रहे हैं, झूम रहे हैं, नाच रहे हैं। सोशल मीडिया पर सफलता संदेशों की बाढ़ सी आ गई है, लोग कवितायेँ बना रहे हैं , कोई इसरो के वैज्ञानिकों को बधाई दे रहा है, पीएम मोदी को बधाई दे रहा है तो कांग्रेस पंडित नेहरु की इसरो की स्थापना और उनकी दूरगामी सोच के साथ इसरो को टीम को बधाई दे रही है।

चंद्रयान की सफलता पर ग्वालियर में उत्सवी माहौल 

लेकिन नेताओं की सोच से अलग है देश की जनता। चंद्रयान 3 मिशन की सफलता की सूचना आते ही ग्वालियर में लोग झूम उठे, थाटीपुर क्षेत्र में चाट का ठेला लगाने वाले अशोक कुमार प्रजापति भी उन लोगों में शामिल हो गए जो चंद्रयान की सफलता की खुशियों में डूबे थे।

ग्वालियर में ठेले वाले ने फ्री में खिलाई पानी पूरी 

चंद्रयान मिशन की सफलता की घोषणा होते ही अशोक कुमार ने भी एलान कर दिया कि वो आज अपने ठेले पर उपलब्ध पानी पूरी और चाट जनता को फ्री खिलाएंगे, फ्री पानी पूरी की खबर लगते ही ठेले पर लाइन लग गई, अशोक कुमार ने कहा कि आज  देश के सभी 140 देशवासियों का सिर गर्व से ऊँचा हो गया है, मैं इसरो के वैज्ञानिकों को बधाई देता हूँ जिन्होंने ये इतिहास रचा है।

शहर के लोग बोले , इसरो के वैज्ञानिकों ने सिर गर्व से ऊँचा कर दिया 

अशोक के ठेले के सामने से निकल रहे राहगीर भी वहीँ लाइन में खड़े होकर फ्री पानी पूरी का आनंद उठाने के लिए अपनी बारी का इन्तजार करने लगे, फ्री पानी पूरी पीने के बाद लोगों ने कहा कि आज भारत का नाम दुनिया में ऊँचा हुआ है, हमारा सिर गर्व से ऊँचा है , भारत ने वो कर दिखाया जो अमेरिका, रूस, जापान जैसे देश नहीं कर पाए। भारत का चंद्रयान सिर्फ चाँद की सतह पर ही नहीं उतरा बल्कि चांद के उस दक्षिणी ध्रुव पर उतरा है जहाँ आज तक कोई देश नहीं पहुंचा, इसके लिए इसरो के वैज्ञानिक बधाई के हकदार हैं।

ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट 


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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