अंततः Gwalior महापौर पद के लिए सुमन शर्मा को BJP ने बनाया पार्टी प्रत्याशी

Atul Saxena
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना। लम्बी खींचतान के बाद अंततः भारतीय जनता पार्टी(BJP)  ने Gwalior से सुमन शर्मा को पार्टी का महापौर प्रत्याशी घोषित (Suman Sharma Gwalior Mayor Candidate)  कर दिया। पार्टी ने पहले 13 महापौर प्रत्याशियों की घोषणा थी उसके बाद इंदौर, रतलाम और ग्वालियर छोड़ दिए थे।  आज सुबह इंदौर और रतलाम की सूची जारी कर लेकिन ग्वालियर फिर भी छोड़ दिया।

लेकिन फिर एक सिंगल नाम की सूची जारी कर सुमन शर्मा को ग्वालियर से पार्टी प्रत्याशी घोषित कर दिया। सुमन शर्मा के टिकट को केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की जीत के रूप में देखा जा रहा है। बताया जा रहा है कि केंद्रीय मंत्री तोमर ने सुमन शर्मा के नाम का प्रस्ताव संगठन के सामने रखा था।

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हालाँकि ग्वालियर महापौर प्रत्याशी के पद की घोषणा नहीं हो पाने पर कई कयास लगाए जा रहे थे। राजनीतिक गलियारों में इसे केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच टकराहट के रूप में देखा जा रहा था। लगातार बैठकों के बाद भी ग्वालियर के लिए कोई नाम तय नहीं हो पा रहा था।

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उधर कहा ये भी जा रहा है कि नरेंद्र सिंह तोमर सहित प्रदेश के कई नेताओं ने पार्टी की पुरानी कार्यकर्ता सुमन शर्मा की पैरवी की, वहीं ग्वालियर की सामान्य सीट पर सामान्य वर्ग के प्रत्याशी को हो उतारने के लिए ब्राह्मण, वैश्य सहित अन्य सामान्य समाज के नेता भी पार्टी पर दबाव बना रहे थे।

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पार्टी के सामने ग्वालियर से तीन नाम चर्चा में थे एक नाम पूर्व मंत्री माया सिंह का था जो पार्टी की गाइड लाइन 60 वर्ष के दायरे में आ गई।  माया सिंह 72 वर्ष की है, दूसरी दावेदार पूर्व महापौर समीक्षा गुप्ता थी जो जीतने वाली प्रत्याशी होते हुए भी ओबीसी वर्ग के कारण टिकट की दौड़ से बाहर हो गई आखिर में सुमन शर्मा बची जिसे पार्टी ने उम्मीदवार घोषित कर दिया।

अंततः Gwalior महापौर पद के लिए सुमन शर्मा को BJP ने बनाया पार्टी प्रत्याशी


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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