ग्वालियर ।
शहर के हजीरा थाना क्षेत्र में रहने वाली नाबालिग की दुष्कर्म की शिकायत की अनदेखी करना तत्कालीन टी आई को भारी पड़ गया। हालांकि एसपी ने टी आई निलंबित कर दिया था लेकिन हाईकोर्ट ने इसे नाकाफी मानते हुए टी आई पर FIR करने के आदेश दिए हैं और 2 दिसंबर को कम्पलाइंस रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए हैं।
देश भक्ति जन सेवा को सूत्र वाक्य मान कर काम करने वाली प्रदेश की पुलिस अब शायद इसे याद नहीं रख पाती इतना ही नहीं कई मामलों में पुलिस की संवेदनशीलता मरती दिखाई देती है । ऐसा ही एक मामला ग्वालियर का है जब दुष्कर्म की शिकायत लेकर पुलिस थाने पहुंची एक नाबालिग का दर्द टी आई को महसूस नहीं हुआ और उसने उसकी शिकायत को अनदेखा कर दिया। खास बात ये है कि जब नाबालिग शिकायत कर रही थी तब आरोपी भी थाने में था लेकिन टी आई अनिल भदौरिया ने ना तो FIR लिखी और ना ही आरोपी को गिरफ्तार किया। दरअसल हजीरा क्षेत्र में रहने वाली नाबालिग गायब हो गई थी उसकी मां ने योगेश नरवरिया नामक युवक पर अपहरण का शक जताया । लेकिन जब पुलिस ने मदद नहीं की तो हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की। कोर्ट के निर्देश पर पुलिस ने नाबालिग और योगेश को ढूढ लिया । थाने में नाबालिग ने योगेश पर दुष्कर्म जैसा गंभीर आरोप लगाया लेकिन टी आई ने FIR नहीं की और आरोपी को जाने दिया। इसके बाद हाईकोर्ट ने एसपी को टी आई के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे । मामले की जांच सीएसपी से। कराई गई जिसमें उन्होंने टी ई को दोषी बताया जिसके बाद एसपी नवनीत भसीन ने टी आई अनिल भदौरिया को 24 नवम्बर को निलंबित कर दिया। लेकिन हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका की सुनवाई करते हुए शनिवार को जस्टिस जीएस अहलुवालिया ने निलंबन की कार्रवाई को नाकाफी मानते हुए नाराजगी जताई और तत्कालीन टी आई अनिल भदौरिया पर FIR करने के निर्देश दिए। कोर्ट ने एसपी को निर्देश दिए कि 2 दिसंबर को इस आदेश की कंपलाइन्स रिपोर्ट हाईकोर्ट में पेश करें।