ग्वालियर कलेक्ट्रेट में लगी आग, ट्रेजरी एवं महिला बाल विकास सहित कई विभागों में नुकसान, बड़ा हादसा टला

आग की सूचना पर पहुंची फायर ब्रिगेड ने डीपी के पास झाड़ियों की आग पर पानी डालकर काबू पाया उधर स्टाफ ने विभागों में मौजूद आग बुझाने वाले फायर एक्सटिंग्विशर से आग को काबू किया जिससे कोई गंभीर घटना नहीं हो पाई ।

Atul Saxena
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Gwalior News : ग्वालियर कलेक्ट्रेट में आज गुरुवार सुबह अचानक आग लगने की सूचना से ऑफिस पहुंचे स्टाफ में हडकंप मच गया, आग बिजली सप्लाई ट्रांसफर में हुए शॉर्ट सर्किट से लगी जिसने तुरंत ट्रेजरी ऑफिस, महिला एवं बाल विकास विभाग को अपनी चपेट में ले लिए लेकिन स्टाफ की समझदारी और फुर्ती से आग ने बड़ा रूप नहीं ले पाया और एक बड़ा हादसा टल गया।

ग्वालियर कलेक्ट्रेट में सुबह ऑफिस खुलने के समय जब स्टाफ पहुंचा और काम करना शुरू ही किया था तभी अचानक ट्रेजरी ऑफिस के पास लगे बिजली कंपनी के ट्रांसफर में शॉर्ट सर्किट से आग भड़क गई, नीचे सुखी झाड़ियाँ होने से आग तेजी से भड़क गई इसका असर ट्रेजरी और महिला बाल विकास विभाग में हुआ।

आग से कम्प्यूटर्स, इनवर्टर की बैरती सहित अन्य उपकरण स्वाहा 

ट्रेजरी में तेज धमाके के साथ शॉर्ट सर्किट हुआ और बिजली के पैनल बोर्ड में आग लग गई, इनवर्टर की बैटरी ने आग पकड़ ली, कम्प्यूटर्स ने आग पकड़ ली , आग की सूचना से अफरा तफरी मचने लगी लेकिन ट्रेजरी ऑफिस के चपरासी ने फायर एक्सटिंग्विशर की मदद से आग पर काबू पा लिया , सूचना पर पहुंची फायर ब्रिगेड में तत्काल पानी और फोम की बौछार कर आग को काबू कर लिया।

चपरासी की समझदारी और फुर्ती से बड़ा हादसा टला 

ट्रेजरी ऑफिसर अरविंद कुमार शर्मा ने बताया कि चपरासी ने आग लगने की सूचना दी थी, आग लगते ही उसने फायर ब्रिगेड को सूचना दी और खुद आग पर काबू करने का प्रयास किया जिससे बड़ा नुकसान और एक बड़ा हादसा टल गया, उन्होंने बताया कि आग लगने से ट्रेजरी , महिला एवं बाल विकास विभाग सहित अन्य कुछ विभागों को भी नुकसान हुआ है। आग की सूचना पर कलेक्टर रुचिका चौहान ने तत्काल उन विभागों का निरीक्षण किया और नुकसान के आकलन के निर्देश दिए।

ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट 


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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