कार्यक्रम के शुभारंभ अवसर पर मुख्य अतिथि के रुप में मंत्री श्री तोमर ने कहा कि इस देश की धरा पर देश की आन के लिए अनेक वीर शहीद हुए हैं। उनका यही सपना था कि हमारी आने वाली पीढ़ी स्वतंत्र भारत में आंख खोले तथा उन्हें स्वच्छ पानी मिले तथा देश के पूर्व केन्द्रीय मंत्री कैलाशवासी माधवराव सिंधिया ने भी हमेशा यही सपना देखा है कि हमारा ग्वालियर सुन्दर, स्वच्छ तथा स्वस्थ्य रहे। उनके इसी सपने को साकार करने के लिए हम सभी संकल्पित हैं और लगातार शहर के विकास के लिए मिलकर कार्य करते रहेंगे ।
शहर की प्रतिभाशाली बालिकाओं का सम्मान
वीरांगना लक्ष्मीबाई के बलिदान दिवस की पूर्व संध्या पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम के प्रारंभ में मुख्यअतिथि प्रद्युम्न सिंह तोमर ने विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली बालिकाओं का सम्मान किया तथा श्री तोमर ने अपने वेतन से सभी बालिकाओं को 5-5 हजार रुपए सम्मान स्वरुप प्रदान किए। इस अवसर पर जूही सक्सेना, काजल गोयल, बबली शाक्य, प्रिया मिश्रा, अंकिता कुशवाह, तारिणी अग्रवाल, तान्या गुप्ता, रैनू प्रजापति, काजल रजक, नेहा कुशवाह, आलिया खान, नंदनी जाटव, शुजी खान, श्रीमती जूली अनेजा,श्रीमती हरप्रीत कौर एवं श्रीमती सुनीता यादव को सम्मानित किया गया। वीरांगना लक्ष्मीबाई के बलिदान दिवस की पूर्व संध्या पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रमों में देश की सुप्रिसिद्ध गायिका एवं लता मंगेशकर अवार्ड से सम्मानित श्रीमती सुहासिनी जोशी द्वारा देशभक्ति पूर्ण गानो की प्रस्तुति दी गई। श्रीमती जोशी का अतिथियों द्वारा शाॅल श्रीफल प्रदान कर सम्मान किया गया।
महारानी लक्ष्मीबाई के शस्त्रों की दो दिवसीय प्रदर्शनी का उद्घाटन
वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई की समाधि स्थल पर आयोजित प्रदर्शनी का उदघाटन प्रदेश सरकार के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में क्षेत्रीय नागरिकगण उपस्थित रहे। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री श्री तोमर के साथ सभी अतिथियों एवं शहर के विभिन्न समाजसेवियों, राष्ट्रभक्तों तथा निगम के अधिकारियों ने प्रदर्शनी का अवलोकन किया गया। प्रदर्शनी में महारानी लक्ष्मीबाई के जीवन से संबंधित झाकियां चित्र उनके द्वारा उपयोग किये जाने वाले हथियार वस्त्र इत्यादि को प्रदर्शित किया गया। प्रदर्शनी में सुखदेव राजगुरू इत्यादि शहीदों के दुर्लभ पत्र और क्रांति दस्तावेज, तात्याटोपे के बयान के साथ-साथ अमर शहीद अमरचन्द्र बाठिया के जीवन क्रम को प्रदर्शनी में दर्शाया गया है।