ग्वालियर।अतुल सक्सेना।
ज्योतिरदित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़कर भाजपा में गए पूर्व विधायक मुन्नालाल गोयल का आर्थिक सहायता चेक वितरण कार्यक्रम विवादों में आ गया है। कांग्रेस ने इस पर आपत्ति जताते हुए सवाल किया है कि मुन्नालाल ने किस हैसियत से चेक बांटे। यहाँ सोशल डिस्टेंसिंग का भी मखौल उड़ाया गया। कांग्रेस ने कहा कि वो मुन्नालाल और वहाँ मौजूद भाजपा नेताओं पर FIR कराने के लिए आज एसपी को ज्ञापन देगी। कांग्रेस ने जिला प्रशासन पर भी भाजपा के सामने नतमस्तक होने के गंभीर आरोप लगाए।
कांग्रेस के टिकट पर ग्वालियर पूर्व विधानसभा से चुने गए और पहली बार विधानसभा पहुंचे मुन्नालाल गोयल उन 22 विधायकों में शामिल हैं जो ज्योतिरदित्य सिंधिया के साथ भाजपा में चले गए। कांग्रेस सरकार और पार्टी से उनका रिश्ता भले ही टूट गया लेकिन उन्होंने उसी सरकार के समय स्वीकृत हुई विधायक निधि के चेक गरीबों को बांट दिया। सोमवार को चेतकपुरी के पास तोरण वाटिका में एक आयोजन कर सेकडों की भीड़ यहाँ पहुंची जिसे भाजपा जिला अध्यक्ष देवेश शर्मा, वरिष्ठ नेता अशोक जादौन की मौजूदगी में पूर्व विधायक मुन्नालाल गोयल ने पांच वार्डों के गरीब लोगों को आर्थिक सहायता के चेक और राशन वितरित कर दिया। बताया जा रहा है कि यहाँ करीब चार सौ लोगों को चेक और राशन दिया गया और सोशल डिस्टेंसिंग का मखौल उड़ाया गया।
कांग्रेस हुई हमलावर, करायेगी FIR, प्रशासन पर भी उठाये सवाल
सिंधिया समर्थक भाजपा नेता मुन्नालाल गोयल द्वारा आर्थिक सहायता के चेक बांटने पर कांग्रेस हमलावर हो गई है। शहर जिला कांग्रेस प्रवक्ता धर्मेंद्र शर्मा ने एमपी ब्रेकिंग न्यूज़ से कहा कि ये गंभीर मामला है कांग्रेस चुप नहीं बैठेगी हम आज ही इसके खिलाफ एसपी नवनीत भसीन को ज्ञापन देंगे और मुन्नालाल गोयल सहित वहाँ मौजूद भाजपा नेताओं के खिलाफ FIR की मांग करेंगे। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि ये प्रशासन की बड़ी चूक है नाकामी है उन्होंने जिला प्रशासन को भाजपा नेताओं के आगे नतमस्तक होने के गंभीर आरोप लगाए। धर्मेंद्र शर्मा ने प्रशासन से सवाल करते हुए कहा कि आयोजन में 400 लोग बुलाये गए क्या इसकी मंजूरी प्रशासन ने दी थी, क्योंकि शादी समारोह, अंतिम संस्कार जैसे आयोजनों में भी 10लोगों की अनुमति के लिए साधारण व्यक्ति को भटकना पड़ रहा है, सड़क पर काम से निकलने पर भी FIR झेलनी पड़ रही है और यहाँ 400 लोगों की भीड़ बुलाकर सोशल। डिस्टेंसिंग का मखौल उड़ाया गया और प्रशासन चुप रहा। कांग्रेस प्रवक्ता ने प्रशासन से मुन्नालाल गोयल को दी गई मंजूरी सार्वजनिक करने की मांग की है। कांग्रेस ने कहा कि यदि प्रशासन ने ऐसा किया है तो इसे खिलाफ सेंकड़ों लोगों की जान के साथ खिलवाड करने की शिकायत लेकर मनवाधिकार आयोग में अपील की जायेगी। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि पूर्व विधायक ने कांग्रेस शासन के समय स्वीकृत हुई निधि को इस्तीफे के सवा महीने बाद कैसे बाँट दिया और इस राशि के चेक कैसे प्रशासन ने स्वीकृत कर दिया ये बहुत बाद भृष्टाचार है। जिसकी जाँच होनी चाहिए।
राजनीति कर रही है कांग्रेस: भाजपा
मामला विवादों में आने के बाद पूर्व विधायक मुन्नालाल गोयल ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि जब मैं विधायक था तब ये राशि स्वीकृत हुई थी और चेक बने थे लेकिन राजनैतिक घटनाक्रम और लॉक डाउन के कारण इनका वितरण नहीं हो पा रहा था। गरीब परेशान हो रहा था मेरे कार्यालय के चक्कर लगा रहा था। चेक बाउंस होने का खतरा था इसलिए इसे बांट दिया। उधर भाजपा जिला अध्यक्ष देवेश शर्मा ने कहा कि कांग्रेस राजनीति कर रही है। हमने तो जन सेवा की है। ये कौन सा गुनाह है। चेक आर राशन वितरण में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया गया और फिर प्रशासन भी तो लाइन लगवाकर राशन बाँट रहा है। हमने कुछ भी गलत नहीं किया।
बहरहाल नियम ये कहता है कि कोई भी विधायक या सांसद अपने पद पर रहते हुए ही अपनी निधि का प्रयोग कर सकता है लेकिन जैसे ही उसका इस्तीफा स्वीकृत हो जाता है उसका उस निधि पर अधिकार नहीं रहता। अब देखना ये है कि कोरोना जैसे संवेदनशील और उपचुनाव के गर्म माहौल में कांग्रेस इस मामले को कहाँ तक ले जाती है ।
एमपी कांग्रेस ने ट्वीटर पर भी बोला हमला
वही एमपी कांग्रेस ने अपने ट्वीटर हैंडलपर भी पूर्व विधायक को जमकर घेरा है। कांग्रेस ने ट्वीट कर लिखा है कि मप्र में जंगलराज जारी, —विधायक नहीं, पर बाँट रहे विधायक निधि : जब क़ानून का राज ख़त्म हो जाता है तो इसी तरह की तस्वीर आती है। जनमत बेचने के बाद अब जनता की आंखो में धूल झोंकना जारी है। शिवराज जी, तत्काल दोषियों पर कार्रवाई करिये, लोकतंत्र बेचने के बाद अब क़ानून निगल रहे हैं।