Ganeshotsav : गणेश प्रतिमा के साथ एक विशेष पैकेज, क्या है खास? पढ़ें पूरी खबर

ग्वालियर, अतुल सक्सेना। रिद्धि सिद्धि के देवता, प्रथम पूजनीय भगवान गणेश (Ganesha) की पूजा के पर्व गणेशोत्सव (Ganeshotsav) की रौनक बाजार में दिखाई दे रही है। भगवान शिव और पार्वती के लाड़ले पुत्र श्री गणेश (Shri Ganesh ji)  के स्वागत के लिए लोग आतुर हैं लेकिन लोग इस बात को लेकर भी चिंतित हैं कि पर्यावरण को भी प्रदूषण से बचाना है, इसलिए वे मिट्टी से बनी ईको फ्रेंडली मूर्तियों (Eco friendly Ganesh Murti made of clay) को लेना पसंद कर रहे हैं। ग्वालियर में कुछ युवाओं ने मिट्टी से बनी गणेश प्रतिमा (Clay Ganesh Murti) के साथ एक विशेष पैकेज तैयार किया है। आइये जानते है इसके बारे में।

इसमें कोई शक नहीं है कि देशभर की नदियां प्रदूषण का शिकार हो रही हैं, इसके बहुत से कारण हैं इनमें से एक बड़ी  वजह है नदियों में होने वाला मूर्तियों का विसर्जन। गणेशोत्सव और नवरात्रि के बाद होने वाला मूर्ति विसर्जन जल प्रदूषण (Murti Immersion and water pollution) का एक बहुत बड़ा कारण बनता जा रहा है। इसलिए अब सवाल किये जाने लगे हैं कि प्रदूषित पानी में अथवा पानी को प्रदूषित करने के लिए भगवान का विसर्जन करने से क्या फायदा?


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....