ग्वालियर के नए एयरपोर्ट टर्मिनल में गैस रिसाव, चार मजदूर फंसे, फायर ब्रिगेड टीम ने सुरक्षित निकाला, बड़ा हादसा टला

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Gwalior News : ग्वालियर में करोड़ों रुपये की लागत से बन रहे एयरपोर्ट के नए टर्मिनल की बिल्डिंग में आज एक हादसा हो गया, यहाँ काम कर रहे मजदूरों की उस समय जान पर बन आई जब वे गैस रिसाव में फंस गए, घटना की सूचना नगर निगम की दी गई, वहां पहुंची निगम की रेस्क्यू टीम ने करीब 50 फीट नीचे फंसे मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाला और उन्हें अस्पताल भिजवाया, पूरी घटना में ठेकेदार और बिल्डिंग निर्माण करने वाली एजेंसी की लापरवाही मानी जा रही है , नगर निगम अधिकारियों का कहना है कि लापरवाहों को नोटिस दिया जायेगा।

अंतरराष्ट्रीय स्तर का बन रहा है ग्वालियर का नया एयरपोर्ट

ग्वालियर के राजमाता विजयाराजे सिंधिया एयरपोर्ट का विस्तार करोड़ों रुपये की लागत से हो रहा है, इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाया जा रहा है, लोकसभा चुनावों से पहले इसका लोकार्पण कर दिया जायेगा इसलिए काम बहुत तेजी से हो रहा है, आज भी दिन में यहाँ मजदूर काम कर रहे थे तभी एक हादसा हो गया।

पेंट से भरा ड्रम नीचे गिरकर फटा, 50 फीट गहराई में फंसे मजदूर

जानकारी के अनुसार मजदूर पेंट कर रहे थे तभी उनके हाथ से पेंट से भरा ड्रम गिर गया और वो फट गया जिससे उसमें भरी गैस रिसने लगी और वे बेहोश होने लगे, 50 फीट गहराई में काम कर रहे चार मजदूर इसमें फंस गए, एक मजदूर की हालत जब थोड़ी ठीक हुई तो उसने जैसे तैसे बाहर आकर घटना की सूचना दी।

रेस्क्यू टीम ने मजदूरों को सुरक्षित निकाला, अस्पताल में भर्ती कराया 

हादसे की सूचना नगर निगम को दी गई , नगर निगम का रेस्क्यू दल वहां पहुंचा और उसने नीचे फंसे तीनों मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाला , नगर निगम फायर ब्रिगेड के नोडल अधिकारी अतिबल सिंह यादव के मुताबिक जहाँ मजदूर काम कर रहे थे वहां प्रोपर नसेनी नहीं थी, एक टेम्परेरी सीढी थी यदि समय रहते सूचना नहीं मिलती तो कुछ भी संभव था , उन्होंने कहा कि इस लापरवाही के लिए संबंधितों को नोटिस दिया जायेगा।

ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट 


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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