स्नेहालय मामला: सरकार ने रिपोर्ट पेश की, कोर्ट ने रिपोर्ट का बताया गोलमोल

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ग्वालियर। कुछ महीने पहले एक मूकबधिर युवती के साथ दुष्कर्म, उसके गर्भपात और भ्रूण को जलाने की अमानवीय घटना के बाद चर्चा में  आये स्नेहालय की अव्यवस्थाओं को लेकर दायर भीम शरण गौतम की  जनहित याचिका में सोमवार को सरकार की ओर से जवाब पेश किया गया है। जिसमें वहां रह रहे लोगों की स्थिति एवं फिजियोथैरेपिस्ट की तैनाती के बारे में बताया गया है। लेकिन कितनी संख्या में वहां लड़के लड़कियां रह रहे हैं ,उनकी संख्या क्या है इसके बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई, ना ही पिछले दिनों एक मूक बधिर लड़की के साथ दुष्कर्म और उसके भ्रूण को जला देने जैसी गंभीर घटना का जिक्र नहीं किया गया है। 

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अनिल शाक्य ने इसे सरकार का गोलमोल जवाब बताया है और कहा है कि वहां करीब 45 लड़के लड़कियां रह रहे थे। जिनमें महिला एवं बाल विकास विभाग के  कार्यक्रम अधिकारी द्वारा केवल 36 बच्चों के बारे में जानकारी दी गई है। उनमें भी लड़के लड़कियों की संख्या, उनकी उम्र नहीं बताई गई है ।हाईकोर्ट ने सरकार के अधूरे जवाब पर नाराजगी जाहिर की है।कोर्ट ने सरकार को आदेश दिया है कि एक सप्ताह के भीतर स्नेहालय की डिटेल रिपोर्ट कोर्ट में पेश करें ,साथ ही याचिकाकर्ता से भी सरकार के जवाब के प्रत्युत्तर में अपना जवाब देने के निर्देश दिए हैं।

 गौरतलब है कि स्नेहालय में कुछ महीने पहले एक मूक-बधिर लड़की के साथ दुष्कर्म किए जाने का मामला सामने आया था। हद तो तब हो गई थी जब उसके भ्रूण को प्रबंधन ने गुपचुप तरीके से जलवा दिया। इस मामले में आठ आरोपी फिलहाल जेल में है। स्नेहालय की बदतर स्थिति को लेकर ग्वालियर के एक नागरिक भीम शरण गौतम द्वारा जनहित याचिका पेश की गई है जिसमें वहां रह रहे लोगों के बारे में समुचित व्यवस्था करने और उनकी देखरेख डॉक्टरों की तैनाती के बारे में मांग की गई है।


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