ग्वालियर। कोरोना वायरस को हराने के लिए देश के लोग इस समय 21 दिन के लॉक डाउन में हैं । इस दौरान जिला प्रशासन ने सब्जी मंडी पूरी तरह से बंद कर दी है जिसका नतीजा ये हो रहा है कि लोगों की थाली से हरी सब्जी गायब हो चुकी है।
लॉक डाउन में लोगों को घरों में रखने के लिए प्रशासन ने चिंहित मेडिकल शॉप, पेट्रोल पंप को छोड़कर सबकुछ बंद कर रखा है। शुरुआत में प्रशासन ने सब्जी मंडी को खोला तो भारी भीड़ पहुँच गई और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराना मुश्किल हो गया जिसके बाद जिला प्रशासन ने सब्जी मंडियों को पूरी तरह बंद कर दिया है। 30 मार्च से सब्जी मंडी बंद है। बीच में सब्जी विक्रेता ठेलों को मौका दिया गया लेकिन इस व्यवस्था को भी बंद करा दिया गया। यानि सब्जी मंडी में टोटल लॉक डाउन कर दिया है। सब्जी मंडी बंद हो जाने से थाली से हरी सब्जियां गायब हो रही हैं। लोग घर में रखी दालें, छोले, राजमा, कढ़ी, मूंग की दाल की बड़ी या अन्य घरेलू सब्जियां बनाकर खा रहे हैं। जिसे खा खा कर उन्हें ऊब होने लगी है।
चोरी छिपे महंगे दाम में बिक रही सब्जियां
सब्जी मंडी बंद हैं यहाँ सब्जी की सप्लाई पूरी तरह से बंद है लेकिन कुछ सब्जी विक्रेता शहर के पास बने खेतों से सब्जी ला रहे हैं लेकिन ये महंगे दामों में बेच रहे हैं। सुबह चुपचाप 6-7 बजे ये सब्जी के ठेले आते हैं और जब तक पुलिस सक्रिय होती है वो सब्जी बेचकर चले जाते हैं। ये ठेले वाले,20 रुपये किलो वाला आलू 45 रुपये , 25 रुपये किलो वाली प्याज 50 रुपये तक , 20 रुपये किलो वाला टमाटर भी 40 रुपये किलो तक बेच रहे हैं। इसी तरह गोभी, पत्ता गोभी के दाम भी दो से तीन गुना महंगे कर दिये हैं। खास बात ये है कि ये शहर में कुछ जगह ही पहुँच पा रहे है। इनमें से जो पुलिस की पकड़ में आ जाता है उसके खिलाफ धारा 188 की कार्रवाई की जाती है अब तक करीब 10 सब्जी विक्रेताओं के खिलाफ पुलिस मामले दर्ज कर चुकी है।