ग्वालियर, अतुल सक्सेना। ग्वालियर से भारतीय जनता पार्टी की महापौर पद की प्रत्याशी सुमन शर्मा (Suman Sharma) ऐसे परिवार से आती हैं जिसे शहर का हर वो व्यक्ति जानता है जिसने ग्वालियर को नजदीक से जाना है। सुमन शर्मा को राजनीति विरासत में मिली है , उनके मायके पक्ष में भी लोग विधायक रहे और ससुराल पक्ष में भी विधायक और महापौर रहे हैं। आइये जानते हैं सुमन शर्मा के राजनीतिक सफर के बारे में …
भारतीय जनता पार्टी की ग्वालियर महापौर प्रत्याशी सुमन शर्मा (Gwalior BJP mayor candidate Suman Sharma) ने दर्शन शास्त्र से बीए ऑनर्स जयपुर के महारानी कॉलेज से किया है और राजस्थान विश्व विद्यालय जयपुर से इतिहास से एमए किया है। राजस्थान के एक राजनीतिक परिवार में पली बड़ी सुमन शर्मा के पिताजी स्व.सांवरमल बासोतिया नगर पालिका नवलगढ़ (राजस्थान) के चेयरमैन रहे इसके अलावा 1967 से 1972 तक नवलगढ़ झुंझुनू (राजस्थान) से विधायक रहे। सुमन शर्मा के ताऊजी स्व. श्रीराम जी बासोतिया नगर पालिका नवलगढ़ के प्रथम चेयरमैन रहे, जिला परिषद झुंझुनू (राजस्था ) के पहले जिला प्रमुख रहे और 1957 से 1962 तक नवलगढ़ झुंझुंनू (राजस्थान) से विधायक रहे।
सुमन शर्मा के ससुर डॉ धर्मवीर ग्वालियर और मध्य प्रदेश का एक बड़ा नाम रहे हैं , 1984 में ग्वालियर के महापौर रहे , 1985 से 1993 तक लगातार फ़ो विधायक रहे। सुमन शर्मा 38 सालसे भारतीय जनता पार्टी की सक्रिय सदस्य हैं , संगठन से लम्बे समय से जुड़ी हैं, वे पूर्व जिला मंत्री, केआरजी कॉलेज की जनभागीदारी समिति की अध्यक्ष रही, ये दायित्व उनेक पास 2005 से 2011 तक लगातार, 2006 से 2012 तक प्रदेश कार्यसमिति सदस्य रही हैं, भाजपा महिला मोर्चा की 2016 से लगातार प्रदेश मंत्री हैं। इसके अलावा पार्टी ने इन्हें चुनावों में ग्वालियर चम्बल संभाग के अलावा दूसरी जगह भी प्रभारी बनाकर भी भेजा है।
60 वर्षीय सुमन शर्मा ने फिल्म सेंसर बोरस की सलाहकार समिति सदस्य रही हैं , मध्य भारत खाड़ी संघ रही है, संस्थाओं के ससदय और पदाधिकारी रही है हालाँकि उन्होंने 2001 -02 में वार्ड क्रमांक 10 से पार्षद का चुनाव लड़ा था लेकिन हार गई थी, लगभग 38 साल से राजनीति में सक्रिय सुमन शर्मा दो दशक बाद फिर से चुनाव मैदान में है।
कल शाम टिकट फाइनल होने के बाद वे सबसे पहले आज महापौर पद की दावेदार पूर्व मंत्री मायासिंह, पूर्व महापौर समीक्षा गुप्ता से मिलने गई , सुमन शर्मा ने ग्वालियर पहुंचे गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा से भी मुलाकात की इसके अलावा जिला अध्यक्ष कमल माखीजानी से भेंट की और पूर्व मंत्री अनूप मिश्रा का आशीर्वाद भी लिया।
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Atul Saxena
पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....
पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....