Gwalior Collectorate SLR: ग्वालियर कलेक्ट्रेट की भू अभिलेख शाखा में पिछले दिनों हुए विवाद ने माहौल ख़राब कर दिया था, ग्वालियर कलेक्टर रुचिका चौहान ने इसपर कड़ी आपत्ति जताई , उनकी नाराजगी के बाद कार्यालय अधीक्षक भू अभिलेख (SLR) ने संभाग आयुक्त को पांच कर्मचारियों को कलेक्ट्रेट से हटाने यानि ट्रांसफर के लिए पत्र लिखा है
ग्वालियर कलेक्ट्रेट स्थित भू-अभिलेख शाखा में पिछले दिनों राजस्व निरीक्षक नरेश उपाध्याय और कार्यालय स्टाफ के बीच विवाद हो गया। नरेश उपाध्याय यहाँ नक्शों में सुधार कराने पहुंचे थे लेकिन किसी बात पर उनका एसएलआर रवि नंदन तिवारी से विवाद हो गया। विवाद बढ़ने पर नरेश ने मोबाइल से वीडियो रिकॉर्डिंग शुरू कर दी, जिससे नाराज होकर स्टाफ ने उनके साथ धक्का-मुक्की की और मोबाइल छीनने की कोशिश की।
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कलेक्टर की नाराजगी के बाद SLR ने लिखा पत्र
बता दें नरेश उपाध्याय पहले भी विवादों में रहे हैं, उनका तहसीलदार और अन्य अधिकारियों से पहले झगड़ा हो चुका है। उनकी विभागीय जांच भी हुई लेकिन उसके बावजूद उनके व्यवहार में सुधार नहीं आया। इस बार हुए घटनाक्रम से कलेक्टर बहुत नाराज हैं उन्होंने एसएलआर से नाराजगी जाहिर की और एक्शन लेने के निर्देश दिए।
तीन राजस्व निरीक्षकों, दो कर्मचारियों की शिकायत
कलेक्टर के आदेश के बाद एसएलआर रवि नंदन तिवारी ने कमिश्नर लैंड रिकॉर्ड को तीन राजस्व निरीक्षकों और दो कर्मचारियों के तबादले की अनुशंसा की है, एस एल आर ने पत्र में राजस्व निरीक्षक नरेश उपाध्याय, राजस्व निरीक्षक नंद किशोर गुप्ता, राजस्व निरीक्षक नीलेश झा, जूडा ऑपरेटर सुभाष शर्मा और जूडा ऑपरेटर ओमप्रकाश कुशवाह का तबादला ग्वालियर कलेक्टर कार्यालय से कहीं और करने की अनुशंसा की है।
अनुशंसा पत्र में SLR ने लगाये ये आरोप
पत्र में एस एल आर ने लिखा ग्वालियर जिला कार्यालय में पदस्थ इन कर्मचारियों द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों से अभद्रता की जाती है ये झूठी शिकायत कर कर्मचारियों को अधिकारियों के विरुद्ध भड़काते है, शासकीय कार्य स्वयं न करते हुये व्यवधान पैदा करते हैं तथा कार्यालय की गोपनीता भंग करते हैं इनके कारण जिला कार्यालय का वातावरण निरन्तर प्रदूषित हो रहा है। जिसके कारण निम्नलिखित कर्मचारियों का स्थानान्तरण अन्य जिले में किया जाना अनिवार्य है।
निलंबन के बाद भी नहीं हुआ व्यवहार में कोई सुधार
पत्र में आगे लिखा गया , इन सभी कर्मचारियों के विरुद्ध अत्यन्त गंभीर शिकायत तथा निलंबन आदि के कार्यवाही कई बार होने के बाद भी कार्य में कोई परिवर्तन नहीं आया। अतः स्थानांतरण नीति (संशोधन-2025) के कंडिका कमांक 1.3 के पालन में संबधित कर्मचारियों का स्थानातरण संभाग से बाहर किया जाना उचित होगा।