जिला मलेरिया अधिकारी को 3 घंटे से ज्यादा समय तक रखा डिजिटल अरेस्ट, जागरूकता से बचे ठगी से

साइबर ठगों ने उन्हें कमरे से बाहर नहीं जाने और खिड़की, दरवाजा बंद करने की हिदायत दी उन्हें बाथरूम तक नहीं जाने दिया। जब उन्होंने बाथरूम जाने के लिए फिर कहा तो ठग बोला मोबाइल साथ लेकर जाओ।

Atul Saxena
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Gwalior News :  पिछले दिनों एक आयुर्वेदिक डॉक्टर को 3 दिन तक डिजिटल अरेस्ट कर 21 लाख रुपए की ठगी की घटना के बाद अब एक और घटना ग्वालियर में सामने आई है, साइबर ठगों ने उन्हें करीब साढ़े तीन घंटे तक डिजिटल अरेस्ट बनाये रखा इसी बीच उन्होंने थोड़ी सतर्कता दिखाई और खुद को ठगी से बचा लिया, अब पुलिस इस मामले की जाँच कर रही है।

जानकारी के मुताबिक ग्वालियर के जिला मलेरिया अधिकारी विनोद दोनेरिया गुरुवार को ऑफिस से लंच के लिए घर की तरफ निकले थे दोपहर में उनके पास एक कॉल आया जिसे उन्होंने रिसीव कर लिया, फोन करने वाले ने कहा वो ट्राई से बोल रहा है उनकी सिम दो घंटे में बंद हो जाएगी क्योंकि उनका नंबर संदिग्ध लेनदेन में चिन्हित हुआ है।

फर्जी पुलिस अफसर ने कहा, हम डिजिटली अरेस्ट कर रहे हैं 

इतना कहकर फोन करने वाले ने कहा आपसे मुंबई पुलिस के अधिकारी बात करेंगे, उसके पास दूसरे नंबर से वीडियो कॉल आया जिसमें इंस्पेक्टर की ड्रेस में एक व्यक्ति बैठा था उसके पीछे महाराष्ट्र पुलिस का बैनर लगा था उसने कहा आपका नाम नरेश गोयल मनी लॉंन्ड्रिंग केस में आया है हम आपको डिजिटली अरेस्ट कर रहे हैं।

अधिकारी का फोटो लगा किनारा बैंक का ATM दिखाया  

मलेरिया अधिकारी ने कहा वह तो कभी मुंबई गए ही नहीं और न ही कभी किसी से कोई लेनदेन किया है। जिसके बाद साइबर ठगों ने उनके कुछ बैंक स्टेटमेंट उन्हें भेजे और एक कैनरा बैंक का एटीएम कार्ड भेजा, जिस पर उनका नाम लिखा हुआ था। ये सब देखकर मलेरिया अधिकारी दोनेरिया घबरा गए।

 50 हजार रुपए खाते में डालने के लिए कहा  

उनकी घबराहट भांपकर ठगों ने उनसे बोला कि 50 हजार रुपये एक खाते में डाल दे, आपकी जांच ईडी करेगी। अगर बैंक खाते से कोई लेनदेन नरेश गोयल से नहीं हुआ होगा तो आपका पैसे आपको वापस मिल जाएगा अगर कनेक्शन निकला तो आपको जेल भेज दिया जाएगा।

कमरे से बाहर नहीं जाने और खिड़की, दरवाजा बंद करने की दी हिदायत

ठगों की बात सुनने के बाद अधिकारी ने कहा थोडा रुकिए उन्हें घबराहट हो रही है जिसके बाद साइबर ठग ने उन्हें पानी पीने के लिए कहा लेकिन कमरे से बाहर नहीं जाने और खिड़की, दरवाजा बंद करने की हिदायत दी उन्हें बाथरूम तक नहीं जाने दिया। जब उन्होंने बाथरूम जाने के लिए फिर कहा तो ठग बोला मोबाइल साथ लेकर जाओ।

IPS अधिकारी की मदद से बची ठगी 

करीब 3:30 घंटे डिजिटल अरेस्ट रहने के बाद जब उन्हें कुछ समझ नही आया तो उन्होंने वीडियो कॉल काटकर अपने परिचित आइपीएस राकेश सगर को कॉल कर घटना के बारे में बताया। आईपीएस अधिकारी ने उन्हें कहा पुलिस ऐसे डिजिटली अरेस्ट नहीं करती ये कुछ नहीं होता ये आपके साथ साइबर ठगी की कोशिश की गई है आप इसकी शिकायत पुलिस से कर दो। मलेरिया अधिकारी की शिकायत पर थाटीपुर थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच पड़ताल शुरू कर दी है।

ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट 


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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